मनीलशिमला। भ्रष्टाचार,मंनी लाड्रिंग व आय से अधिक मामले में मोदी की सीबीआई के बाद अब वित मंत्री अरुण जेटली की इडी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इर्द गिर्द फंदा डालना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में इडी ने वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को अरेस्ट कर लिया है। इडी ने अपने टवीटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है।इडी ने टवीटर पर लिखाED
@dir_ed 1 day ago
ED arrests Anand Chauhan in Virbhadra Singh case.
अब अगली कड़ी में वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों की घेरे बंदी हो सकती हैं। चूंकि इडी को वीरभद्र सिंह व बाकियों को अरेस्ट करने से पहले अदालत की इजाजत लेने की जरूरत नहीं हैं। आनंद चौहान ने वीरभद्र सिंह की पांच करोड़ की एलआईसी कराई थी व पैसा अपने खाते से भरा था। बाद में आयकर विभाग की ओर से हुई जांच में पता चला कि ये पांच करोड़ रुपए वीरभद्र सिंह के हैं।
वीरभद्र सिंह ने आयकर विभाग को कहा था कि ये पैसे उनके बगीचों की सेब की बिक्री के हैं। उनके सेब परवाणु के आढ़ती चुन्नी लाल ने खरीदे थे। सीबीआई व इडी इनसे पहले भी पूछताछ कर चुकी है।लेकिन प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से हिमाचल पुलिस के एएसपी भूपेंद्र नेगी की डेपुटेशन को लेकर दायर याचिक के खारिज होने के बाद इडी ने गिरफ्तारी का ये अभियान छेड़ा हैं। इडी पूरी तरह से वित मंत्री अरुण जेटली के अधीन है और जेटली प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी मित्र है। धूमल परिवार व वीरभद्र परिवार के बीच भ्रष्टाचार को लेकर गजब की जंग छिड़ी हुई है। हालांकि मौके मुताबिक दोनों परिवारों में यारियां भी हो रही हैं। ऐसे में इडी की ये गिरफ्तारियां महत्वपूर्ण हो गई है।
इससे पहले इसी मामले में प्रधानमंत्री मोदी की सीबीआई इस मामले में पूछताछ कर चुकी है लेकिन सीबीआई ने इस मामले में किसी को भी अरेस्ट नहीं किया था। चूंकि सीबीआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन हैं व मोदी व वीरभद्र सिंह के बीच गहरी यारी है।बताते हैं कि सीबीआई ने इसीलिए वीरभद्र सिंह व व उनके परिवार के सदस्यों को अरेस्ट नहीं किया । लेकिन जेेटली व वीरभद्र सिंह के बीच ऐसी कोई बात नहीं हैं। ऐेसे में इडी की इस कार्यवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। उधर,मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सीबीआई ने वीरभद्र सिंह से सेब खरीदने वाले आढ़ती चुन्नी लाल को भी अरेस्ट कर रखाहै। लेकिन इसकी पुष्टि सीबीआई की ओर से नहीं की जा रही हैं।
उधर, आनंद चौहान की गिरफ्तारी के बाद वीरभद्र सिंंह के वफादारों की बैठकेंं शुरू हो गई है।कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता व वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद से बदली स्थिति को लेकर मंथन चल रहा है।
जब से पांच आईएएस अफसरों को नजर अंदाज कर 1983 बैच के आईएएस अफसर वीसी फारका को चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बिठाया गया तभी से वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती गई हैं। उनके चीफ सेक्रेटरी बनने के बाद सीबीआई ने वीरभद्र सिंह उनकी बीवी व उनके बेटा-बेटी से पूूछताछ की और अब इडी उनके वफादार को उठा ले गई।
सीबीआई व इडी वीरभद्र सिंह के 6.05 करोड़ रुपयोंं के हिसाब किताब को लेकर जांच कर रही है। सीबीआई वीरभद्र सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी कर चुकी है जबकि इडी नेे वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों की दिल्ली में करोड़ों की संपति को अटैैच किया हुआ है।
इडी की इस कार्यवाही से प्रदेश भाजपा का धूमल खेमा गदगद हो गया हैं। वीरभद्र सिंह ने धूमल परिवारों की संपतियों की जांच विजीलेंस से शुरू करवा करा रखी है। लेकिन उनके सुपरकॉप धूमल व उनके परिवार के सदस्यों पर हाथ डालने से कतरा रहेे हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण दिलली हाईकोर्ट में वीबीएस रिश्वत कांड को लेकर गए थे। आरोप था कि केंद्रीय स्टील मंत्री रहते वीरभद्र सिंह ने करोडों की रिश्वत ली।इस मामले में मितल बंधुओं की डायरी का हवाला भी दिया गया था। लेकिन यूपीए सरकार के दौरान सीबीआई ने इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं किया। तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा इस मामले सवालों में भी घिरे।मामले में प्रदेश केपूर्व चीफ सेक्रेटरी सुब्रीतो राय व किसी मैनन की ओर सेबीच-बचाव कराने का जिक्र भी आया था।
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