शिमला/पांवटा। भाजपा की ओर से प्रदेश की कांग्रेस सरकार व उसके मंत्रियों ,विधायकों व बाकी नेताओं के कारनामों को लेकर बनाई जा रही चार्जशीट पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपाईयों को डराया हैं कि अगर चार्जशीट में झूठे आरोप हुए तो मानहानि का दावा किया जाएगा। ये अलग मसला हैं कि अभी चार्जशीट तैयार नहीं हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने पांवटा में आयोजित एक समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर पर हमला बोला व अगले महीने रिटायर रहो रहे वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक शानन का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा। चार्जशीट तैयार होने से पहले ही सीएम ने कहा कि भाजपा द्वारा तैयार की जा रही चार्जशीट झूठ का पुलिन्दा प्रतीत होती है और यदि किसी के खिलाफ भी आधारहीन आरोपा लगाए जाते हैं तो सरकार मानहानि का दावा करने में पीछे नहीं हटेगी।उन्होंने दिलचस्प तौर पर कहा कि चार्जशीट में लगाए गये आरोपों के आधार पर यदि कांग्रेस में कोई व्यक्ति पर्याप्त सबूतों के आधार पर भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया जाता है, सरकार उसके विरूद्ध कार्रवाई करने में एक मिनट का भी समय नहीं लेगी।
वीरभद्र सिंह ने बीते रोज कला भाजपा के सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का बयान बिना किसी सबूत के एवं सरासर निराधार है।
मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार में वित मंत्री अरुण जेटली के करीबी व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को लेपेटे में लिया व कहा कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को राज्य सरकार द्वारा आवंटित भूमि से जुड़ी जांच राज्य कांग्रेस समिति द्वारा वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत की गई चार्जशीट के आधार पर है व सुप्रीम कोर्ट व अन्य न्यायालयों में अभी भी लंबित है। यहां ये जिक्र करना लाजिमी है कि एचपीसीए मामले लगभग- लगभग दफन होने की कगार पहुंच चुके हैं। विजीलेंस की ओर से की गई जांचें बेहद दिलचस्प हैं।
वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के मुखिया पर एचपीसीए के नाम पर करोड़ों रुपये की भूमि हथियाने तथा राज्य के उभरते खिलाड़ियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने तथा राज्य क्रिकेट बोर्ड में बाहरी व्यक्तियों को सदस्य बनाने की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि बंजर भूमि बताकर एचपीसीए की भूमि पर एक बड़ा पांच सितारा होटल बनाया गया। हालांकि इस भूमि पर बहुत से पेड़ थे और होटल के निर्माण के लिये अनेकों पेड़ काटे गये। यह भी सामने आया है कि भाजपा द्वारा भूमि आंबटन का मामला मंत्रिमण्डल में नहीं लाया गया, लेकिन तत्कालीन राजस्व सचिव ने अपने स्तर पर एचपीसीए को सरकारी भूमि को हथियाने की स्वीकृति प्रदान की गई। ये तत्कालीन राजस्व सचिव दीपक शानन थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस तरह के आरोप 2012 के विधानसभा के चुनावों से पहले से लगाते आए हैं। प्रदेश में उनकी सरकार हैं और जो जांच हुई हैं वो कई सवाल खड़ी करती हैं।
प्रदेश को सड़कों के लिये 75 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करने के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दावे पर जबावी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविकता यह है कि केन्द्र से एक भी पैसा प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिये 61 राष्ट्रीय उच्च मार्गों का भाजपा का दावा भी झूठा है।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य के लिये अनेक राष्ट्रीय उच्च मार्ग परियोजनाओं की घोषणा की जरूर हैं, लेकिन इनका सर्वेक्षण कार्य पूरा करवाना केन्द्र सरकार की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य पूरा न करने के लिये राज्य सरकार पर आरोप लगाना अमित शाह की बेवकूफी है क्योंकि उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि केन्द्रीय परियोजनाओं की घोषणा के लिये केन्द्र सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं तथा सर्वेक्षण के लिये राज्य सरकार को आज तक धनराशि प्राप्त नहीं हुई है।
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