शिमला/नेरवा। उतराखंड की एक निजी बस के चौपाल के नेरवा के पास गहरी खाई में गिर जाने देहरादून व चौपाल के आस पास के कई गांवों में हाहाकार मच गया हैं। हादसा इतना भयावह था कि बस में जितने भी यात्री थे सब के सब मारे गए हैं। दो यात्री जो बस से सड़क में ही छिटक गए हैं वही बच पाए हैं।
बाकियों की लाशों की बेहद बुरी स्थिति हैं किसी का सिर चूर चूर हो गया हैं तो किसी की बाजू शरीर से अलग हो गई। कइयों की आंतडि़यां तक बाहर आ गई हैं। अधिकतर मृतक देहरादून के तिंयूणी व आस पास के गांव के हैं।
स्थानीय लोगों के अलावा प्रशासन को राहत व बचाव कार्य करने में बेहद मुश्किलें आई हैं। लाशों को समेटने में भारी मशक्त करने पड़ी। आलम ये रहा कि हर कोई गमगीन हुए बिना नहीं रहा ।
एक ही घर के दो दो बच्चे इस हादसे में मौत के मुंह में चले गए। एक परिवार के माता व व उनके दो बच्चों की जान चली गई हैं।एक परिवार की दो बेटियों को इस हादसे ने लील लिया।
प्रदेश के इतिहास में ये पहला ऐसा हादसा हैं, जिसमें संभवत: एक भी यात्री नहीं बचा हो। दो लोग वही बचे जो सड़क में छिटक गए थे।
हादसे में गांव फनार देहरादून के 42 सल नंदकिशोर राणा समेत उसके दोनों बच्चों डेढ साल के हरिदत व12 साल की प्राची व 35 साल की पत्नी सुमित्रा की मौत हो गई हैं।इसके अलावा गांव सैंडा त्यूणी देहरादून के चंदन सिंह के दो बेटों 14 साल के अंशुल व 15 साल के रितिक चौहान की भी इस हादसे में जान चली गई। चौपाल के शरदूल धार के सोहन सिंह,रियूदाड़ की 55 साल की कमली देवी, देवी,गांव सेंडा तियणू के 28 साल के सरना, गांव निमण त्यूणी की शंकुतला और उसकी बेटी दिव्या भी इस हादसे में उपनी जान से हाथ धो बैठी।
मृतकों में गांव युडायली चौपाल की 14 साल की प्रोमिला व उसकी बहन 17 साल की राधा,गांव बोहर कांता देवी,गांव जोबन के वीरेंद्र,सारनी के वीर सिंह समेत 45 लोग मौत के मुंह में समा गए।देर शाम तक 27 मृतकों की पहचान हो पाई थी ।
कंटेट – आर चौहान
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