शिमला। अधीनस्थ सेवाएं कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पूर्व जयराम सरकार में ड्राइंग मास्टर के 314 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। विजीलेंस विभाग की टीम की ओर से अब तक की गई जांच में इस बावत र्प्याप्त सबूत हाथ लगे है ऐसा विजीलेंस विभाग ने दावा किया हैं।
जांच में सामने आए सबूतों के आधार पर विजीलेंस ने हमीरपुर में इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली व आगे की जांच शुरू कर दी हैं। अब इस परीक्षा का परिणाम निकल पाएगा या नहीं इस बावत असमंजस पैदा हो गया हैं।
विजीलेंस विभाग के डआइजी जी शिवा के मुताबिक आयोग में पेपर लीक कांड में आयोग की एक महिला कर्मचारी के पेपर बेचते रंगे हाथ पकडने के बाद जारी जांच में जांच दल को ड्राइंग मास्टर की हुई परीक्षा को लेकर पेपर लीक के पर्याप्त सबूत मिले हैं।
याद रहे जयराम सरकार में 24 मई 2022 को ड्राइग मास्टरों के 314 पदों की भर्ती के लिए अधिूसचना जारी की गई थी। इस भर्ती के लिए हजारों युवाओं ने लिखित परीक्षा दी थी व आयोग ने लिखित परीक्षा का रिजल्ट भी निकाल दिया था और इन 314 पदों के लिए 971 अभ्यर्थियों को शार्टलिस्ट कर दिया था।
इसके बाद 16 दिसंबर से 22 दिसंबर 2022 में ही इन 971 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की वेरीफिकेशंस भी कर ली गई थी। यह अभ्यथी अब अपनी नौकरी का पल –पल इंतजार कर रहे थे।
लेकिन अब पता चल रहा है कि यह पेपर भी लीक हुआ था। ऐसे में अब नौकरी की हसरत पाले इन अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया हैं।
याद रहे विजीलेंस ने 23 दिसंबर को हमीरपुर में आयोग की एक महिला कर्मचारी उमा आजाद को जे ओ आइ का पेपर लीक करते हुए रंगे हाथ पकडा था। इसके बाद सुक्खू सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक एसआइटी गइित कर दी थी। बाद में आयोग को निलंबित कर दिया लेकिन बीते दिनों इसे भंग ही कर दिया व इसका काम लोक सेवा आयोग के सुपुर्द कर दिया हैं।
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