शिमला । भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए की ओर से धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम के नजदीक ढहाए गए कॉलेज स्टाफ क्वाटर्स व 727 वर्गमीटर जमीन पर किए अतिक्रमण के मामले में दर्ज एफआईआर को रदद करने की एचपीसीए की याचिका को प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस त्रिलोक चौहान की अदालत ने एचपीसीए की याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर लगा स्टे भी हटा दिया हैं।
मामला धर्मशाला कॉलेज के स्टाफ क्वाटर्स को ढहाने व उस पर एचपीसीए की ओर से अवैध कब्जा करने से जुड़ा हुआ हैं। पुलिस ने कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल नरेंद्र अवस्थी,पीडब्ल्यूडी के एसडीओ एमसी katoch समेत सरकार के कई अफसरों व एचपीसीए के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एसडीओ ने इन क्वाटर्स को अनसेफ घोषित कर दिया था जबकि एक साल पहले की इनकी मरम्मत हुई थी। इसी तरह प्रिंसिपल नरेंद्र अवस्थी ने इस बावत कोई आपति नहीं जताई थी। जब ये सारा कांड हुआ था प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हुआ करते थे। कहा जाता है कि इन बाबूओं पर धूमल सरकार का दबाव था।
बाद में एचपीसीए ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया। प्रदेशमें वीरभद्र सरकार के सता में आने पर एचपीसीए के खिलाफ सरकार ने कई एफआईआर दर्ज की। इनमें से एक एफआईआर ये भी थी।
एचपीसीए ने इस एफआईआर को रदद करने के लिए 2014 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर जस्टिस त्रिलोक चौहान ने निलची कार्यवाही पर स्टे दे दिया था।
हिमाचल के महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने कहा कि धूमल सरकार के कार्याकाल में सरकारी इमारत को ढहा दिया गया था। जांच एजेंसी ने पुख्ता जांच कर मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि अब अफसरों व एचपीसीए के पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चालू रहेगी।
गौरतलब हो कि बीते सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर सेआय से अधिक संपति मामले में सीबीआई की एफआईआर को रदद करने की याचिका खारिज की थी। आज प्रदेश हाईकोर्ट आज प्रदेश हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए की याचिका को खारिज कर दिया हैं।
धूमल परिवार और वीरभद्र परिवार में एक दूसरे को चित करनेके लिए जबरदस्त जंग चली हुई हैं। जहां मौका मिलता है वहां हाथ मिला लेते हैं व अगर हाथ मरोड़ने का मौका मिले तो उसे चूकते भी नहीं हैं।बहरहाल जंग दिलचस्प हैं।
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