शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उच्च वेतनमान के लाभ से वंचित रह गए विभिन्न विभागों में 3 जनवरी से पूर्व कार्यरत कर्मचारियों को दो साल का नियमित सेवाकाल पूर्ण करने के बाद अन्य कर्मचारियों के समान उच्च वेतनमान प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट को भी दो वर्ष का नियमित सेवाकाल पूर्ण होने पर लिपिकों की तर्ज पर उच्च वेतनमान प्रदान करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने आज यहां होटल पीटरहॉफ में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की ओर से आयोजित कर्मचारी महा सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह घोषणाएं की। इस अवसर पर महासंघ, जिला इकाइयों एवं अन्य कर्मचारी संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को सदैव ही कर्मचारियों का पूर्ण समर्थन एवं सहयोग मिलता रहा है व सरकार की नीतियों एवं योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में कर्मचारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कोरोना महामारी से लड़ाई में कर्मचारियों विशेष तौर पर फ्रंटलाईन वर्कर की भूमिका की सराहना की।
जय राम ठाकुर ने कहा कि दो सालों से कोविड.19 संकट के बावजूद प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को पूरा वेतनए पेंशन और अन्य लाभ सुनिश्चित किए हैं ताकि उनको किसी भी तरह की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान प्रदान कर दिया गया है और इससे प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में औसतन 12 से 15 फीसदी वृद्धि हुई है। राज्य के लगभग 1.50 लाख पेंशन भोगियों की पेंशन में भी बढ़ोतरी हुई है। 2018 से 2022 के दौरान राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को लगभग 7801 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए गए हैं जबकि 2016 से पूर्व सेवानिवृत पेंशन भोगियों को पेंशन में 15 से 20 फीसद की बढ़ोतरी हुई है और 2016 के बाद सेवानिवृत लगभग 40 हजार पेंशन भोगियों को भी शीघ्र ही यह लाभ दे दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में दिहाड़ी 210 रुपये थी जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया है। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 12 फीसद सालाना अंतरिम राहत प्रदान की गई। प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों व पेंशन भोगियों को पंजाब एवं केन्द्र सरकार की तर्ज पर देय तिथि से महंगाई भत्ता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों को केवल 5 फीसद अंतरिम राहत दी जबकि प्रदेश सरकार ने हिमाचल के कर्मचारियों को 21 फीसद अंतरिम राहत प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को अंतरिम राहत के रूप में लगभग 6500 करोड़ रुपये प्रदान किए गए जिनमें से 3500 करोड़ रुपये वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में दिए गए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एनपीएस में सरकार के अंशदान को 10 फीसद से बढ़ाकर 14फीसद किया है जिससे एक लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारियों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन के तहत आने वाले कर्मचारियों के समान डीसीआरजी के लाभ दिए जा रहे हैं। सरकार ने डेथ ग्रेच्युटी की ऊपरी सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में भी कर्मचारियों की उचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करती रहेगी और उनसे जुड़े मामलों का प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि यह प्रथम बार है कि संयुक्त सलाहकार समिति की गत वर्ष आयोजित बैठक में राज्य सरकार ने कर्मचारियों की 21 मांगे मानी हैं।
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