शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह,पुत्री अपराजिता सिंह व पुत्र व प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह की संपति व आयकर रिटर्न को लेकर आयकर विभाग की ओर से की जा रही जांच के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने आयकर विभाग से सारा रिकार्ड तलब किया है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि इनके मामले को आगे की जांच के लिए चंडीगढ़ भेजे जाने के आयकर विभाग के आदेश समेत सारे रिकार्ड को अदालत के सामने पेश किया जाए।मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होनी है।प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर और जस्टिस त्रिलोक चौहान ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मंगलवार को दिए।
वीरभद्र सिंह,उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह,पुत्र विक्रमादित्यसिंह,पुत्री अपराजिता सिंह वीरभद्र सिंह के बगीचे के केयरटेकर आनंद चौहान,मैसर्स यूनिवर्सल एप्लज के मालिक चुन्नी लाला चौहान ने आयकर विभाग के उस आदेश को चुनौती दी थीजिसमें आयकर विभाग ने येदलील देकर की इस मामले को समन्वित और संयुक्त जांच के लिए चंडीगढ़ ट्रांसफर किया जाता है। वीरभद्र समेत इन सभी ने अपनी याचिका में कहा था कि ये जांच शिमला में भी हो सकती है।चंडीगढ़ ये मामले इसलिए ट्रांसफर किए जा रहे है कि तक याचिकाकर्ता को परेशान किया जा सके।
पिछली सुनवाई के मौके पर अदालत ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों केखिलाफ प्रारंभिक आपतियों को खारिज कर दिया था।
गौरतलब हो कि 10 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में वीरभद्र सिंह के खिलाफ प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई होनी है। दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई और आयकर विभाग अपनी ओर से पहले ही अपनी रिपोर्टें सीलबंद लिफाफे में पेश कर चुकी है।पिछली सुनवाई को वहां पर वीरभद्र सिंह के वकील ने कहा था किउनकेआयकर केमामले को लेकर पहले ही हिमाचल हाईकोर्ट में मामला लंबित है। उसका फैसला आने दे तोआगेकी सुनवाई की जाए।जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 दिसबंर तक सुनवाई टाल दी थी। प्रशांत भूषण ने वीबीएस मामले के अलावा वीरभद्र सिंह की आयकर रिटर्न और वक्कामूल्ला चंद्रशेखर से लिए लोन के मामले की जांच कराने की भी अर्जी दायर कर रखी है।
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