शिमला।(14 दिसंबर) मंडी के जोगेंद्रनगर में 1925 में स्थापित किए गए 110 मेगावाट के शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की हिस्सेदारी को लेकर अब हरियाणा भी कानूनी जंग लड़ने के लिए मैदान में कूद गया है।
बीते रोज सुप्रीम कोर्ट में इस प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब सरकार की ओर से दायर याचिका की सुनवाई हुई थी। हिमाचल सरकार ने पंजाब की याचिका का खारिज कर इस प्रोजेक्ट को हिमाचल के सुपुर्द करने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया है। लेकिन बीते रोज हरियाणा सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पक्ष बनने के लिए अर्जी दाखिल की दी है व इस प्रोजेक्ट पर अपनी हिस्सेदारी को लेकर दावा जता दिया है।
अब ये मामला कानूनी जंग में उलझ गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा था।
याद रहे ब्रिटिश हुकूमत के शासनकाल में 1925 में ये प्रोजेक्ट बनाया गया था व इसके लिए मंडी राजा से जमीन पटटे पर 99 साल के लिए ली गई थी।
ये पटटा मार्च 2024 को समाप्त हो गया है। प्रदेश सरकार का दावा है कि अब ये प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलना चाहिए। लेकिन इससे पहले कि ये प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलता उससे पहले ही पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा कर दिया कि इस प्रोजेक्ट पर पंजाब का अधिकार है। उसने इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को सौंपने से इंकार कर दिया है।
इसके खिलाफ प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल का पक्ष रखते हुए कहा कि पंजाब की याचिका को खारिज किया जाए। लेकिन अब हरियाणा सरकार भी इस कानूनी जंग में कूद गई है।
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