शिमला। सोलन की एक अदालत ने अर्की की एक महिला से बलात्कार के मामले में आरोपी बनाए गए गांव कुंहर के चारों आरोपियों को बरी कर दिया हैं।
याद रहे अर्की पुलिस स्टेशन में 11 जून 2023 को ण्क महिला ने चार लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376,376/2 एन,376डी,और 506 के तहत मामला दर्ज किया था।
एफआइआर के मुताबकि ये महिला शिकायतकर्ता हीरालाल के घर में काम करती थी । शिकायतकर्ता के घर से चार जून 2023 की शाम को सवा सात बजे के करीब अपने घर को लौट गई थी। लेकिन दूसरे दिन पांच जून को शाम पांच बजे के करीब शिकायत कर्ता ने उसे अपने घर के समीप अपने खेत में पड़ा हुआ पाया।
इस पर शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी उसे अपने घर ले आए और उसे पहनने को दूसरे कपड़े दिए।सात जून को इस महिला ने इनको बताया कि चार जून को जब वो उनके घर से लौट रही थी तो आरोपियों में से एक उसे रास्ते में मिला। वह उसे घासनी में ले गया व उससे दुष्कर्म किया और उसे वहां से भेज दिया। उसके बाद जब वह वहां से आगे बढ़ी तो दूसरा आरोपी उसे मिा व वह उसे गऊशाला में ले गया।वहां पर दो और आरोपी पहले से मौजूद थे। वो सभी शराब पी रहे थे व उसे भी शराब पिलाई। इसके बाद सबने उसके साथ दुरूकर्म किया व पांच जून को दोपहरबाद उसे छोड़ दिया। इसके आठ जून को वह अपने पति के साथ अपने मायके आ गई।
इसके बाद 11 जून को ये महिला,उसका पति, जेठ और शिकायतकर्ता पुलिस स्टेशन अर्की पहुंचे और शिकायत कर्ता ने पुलिस मेंमामला दर्ज कराया। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद अतिरिक्त सेशन जज सोलन पंकज की अदालत में चालान पेश कर दिया। अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि इन चारों आरोपियों के डीएनए का मिलान महिला के कपड़ों से उठाए नमूनों से नहीं हुआ।
अदालत ने पाया कि आरोप साबित नहीं हो पा रहे हैं। आरोपियों को झूठे तौर पर संभानाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा ये घटना चार जून को हो गई तो 11 जून तक एफआइआर दर्ज करने के लिए इतना लंबा समय क्यों लिया गया। अदालत ने पाया कि इसके पीछे की वजह का कोई तर्कपूर्ण जवाब अदालत को नहीं दिया गया।
अदालत ने इस पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
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