शिमला। भष्टाचार व संपति एकत्रित करने के मामले में प्रदेश विजीलेंस व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से बीते रोज गिरफतार किए गए प्रदेश के सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन को पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है। उससे होने वाली पूछताछ में कई अहम खुलासे होने की संभावना है।
विजीलेंस ने सरीन को आज सोलन की अदालत में पेश किया और अदालत से आग्रह किया कि सरीन से बहुत सारी जानकारी हासिल करनी है। इसलिए उसकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है।अदालत ने उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। विजीलेंस पूछताछ के बाद सोमवार को उसे दोबारा अदालत में पेश करेगी।
याद रहे बीते रोज प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर देने के बाद विजीलेंस निशांत सरीन को हाईकोर्ट के बाहर दबोच लिया था। निशांत की ओर से दायर अंतरिम जमानत की अर्जी को प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने खारिज कर दिया था। याद, रहे सरीन के खिलाफ बददी में दवा का कारोबार करने वाली संस्थाओं ने कई शिकायतें की थी। इसके अलावा उस पर यह इल्जाम था कि उसने समांतर ड्रग बिजनेस चला रखा है।
विजीलेंस की ओर से उसके विभिन्न ठिकानों में की गई छापेमारी के दौरान कई कुछ मिला था। छापेमारी के बाद वह भूमिगत हो गया था और सरकार ने उसे बिना बताए नौकरी से गैरहाजिर रहने पर निलंबित कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक वह भाजपा व कांग्रेस दोनों की ही सरकारों में नेताओं का लाडला बना रहता था। ऐसे में वह एजेंसियों के शिकंजे में नहीं आ पा रहा था। लेकिन इस बार वह एजेंसियों के शिकंजे से निकलने में नाकाम रहा और राजनीतिक संपर्क भी काम नहीं आए। हालांकि उसके वकीलों का कहना है कि उसने फार्मा कंपनियों के गोरखधंघों पर लगाम लगा रखी थी इसलिए वह उसके दुश्मन हो गए थे। इसलिए उस ताकतवर लॉबी ने उसे निपटा दिया।
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