शिमला।दिल्ली की आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार के फैसलों से जोश में आए राजधानी शिमला के चुनिंदा अभिभावकों ने निजी स्कूलों की ओर से मनमाने तौर पर फीस बढ़ोतरी के खिलाफ मोर्चा खोलकर नया चैप्टर शुरू कर दिया है।अभी तक स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावक कभी सामने नहीं आए थे लेकिन संजौली के एक निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों ने शिमला के क्यूट डीसी रोहन ठाकुर और वामपंथी डिप्टी मेयर जो नगर निगम की सामाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष भी है,के सामने स्कूल के कारनामों का भंडा फोड़ दिया।
इन अभिभवकों ने जो खुलासे किए वो बेहद चौंकाने वाले व संजीदा है। क्यूट डीसी रोहन ठाकुर ने अभिभावकों के खुलासे के बाद इस मसले पर रिपोर्ट तलब की तो टिकेंंद्र पंवर ने इस मामले को साामाजिक न्याय समिति के सुपुर्द कर 13 मई को सुनवाई तय कर दी है।
मामला संजौली स्थिति सरस्वती पैराडाइज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल का है। अभिभावकों ने आर एस चौहान की कमान में एडहॉक पीटीए गठित कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जंग का एलान कर दिया है। संभवत: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिमला में इस तरह अभिभावकों का खुलकर सामने आना पहली बार है।अभिभावकों ने उिप्टी मेयर व डीसी से कहा कि स्कूल प्रबंधन ने 30 से 45 फीसद तक फीस बढ़ा दी है और धमकी दी जा रही है कि अगर 10 मई तक फीस जमा नहीं कराई गई तो बच्चों को स्कूल मत भेजना । इसके अलावा फीस जमा कराने के लिए एसएमएस भेजे जा रहे है।
अभिभावकों ने टिकेंद्र को ये एसएमएस भी दिखाए । इसकेअलावा उन्होंने कहा कि बीते दिनों स्कूल प्रबंधन ने सभी अभिभावकों को स्कूल मं बुलाया व बाद में उनके बच्चों को उनके पास भेज दिया कि अपने माता पिता से कहों कि वो वापस चले जाए। शोर हो रहा है। इस तरह से फजीहत की जा रही है।जबकि अभिभावकों ने 31 मई तक फीस भरी हुई है।
राजधाानी शिमला में अभिभावक इसी स्कूल से नहीं बल्कि बाकी निजी स्कूलों कीी ओर से फीस बढ़ाने के फैसलों से परेशान है लेकिन बच्चों का मामला देखते हुए कोई भी खुलकर सामने नहीं आ ता। आलम ये है कि कांग्रेस पार्टी व भाजपा के नेता भी कहीं जुबान नहीं खोलते ।लेकिन वामपंथियोंं ने स्टैंड लेकर इस मसले पर एक तरहसे बहस छेड़ दी है।
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