नई दिल्ली, 14 मार्च: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आकड़ों के आधार पर मुद्रास्फीति के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने यह 2.48 प्रतिशत रही इसमें मात्र 0.40 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक फरवरी 2017 में 5.1 प्रतिशत था। इस साल, फरवरी महीने में थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट, भोजन, सब्जी और इंधन की कीमतों में कमी के कारण आया है।
फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक के मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति 0.07 प्रतिशत रही जबकि जनवरी में यह 1.65 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
ईंधन और ऊर्जा की मुद्रास्फीति फरवरी में 3.81 की तुलना की और जनवरी में यह 4.08 प्रतिशत दर्ज की गई। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बिल्ड अप इन्फलेश्न में भी गिरावट दर्ज की गई। इस साल वर्तमान में यह 2.30 प्रतिशत पर है जबकि पिछले साल इसी दौरान यह 4.92 प्रतिशत पर थी।
आंकड़ों के मुताबिक तो सब कुछ ठीक ठाक है। लेकिन पेट्रोल और डीज़ल के दामों में कमी तो हकीकत से कहीं दूर है। घर में रोजाना प्रयोग होेने वाली खाने-पीने की वस्तुएं के दाम भी बाजार में आसमां छू रहें हैं। कीमतों में कमी तो आंकड़ों में ही दिखती है, लेकिन जब बाजार जातें हैं तो बटुआ खाली करके ही एक मध्यवर्गीय परिवार का सदस्य वापिस आता है।
साभार एजेंसी
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