शिमला।भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय ने प्रदेश सरकार के निजी विवि की खमियों पर चुप्पी साधने व मूक दर्शक बनने पर कडी निंदा की है। हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा दिश निदेर्श दिये जाने पर विवि अनुदान आयोग द्वारा इन पर कड़ी टिप्पणी करने के बावजूद भी सरकार जस की तस बनी हुई है। और तो और प्रदेश में निजी संस्थाओं पर बने नियंत्राण आयोग जिसे कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बहाल किया गया है को भी प्रदेश सरकार ने बिलकुल ही पंगु बना दिया है। माकपा ने मौजूदा कांग्रेस सरकार को पिछली भाजपा सरकार के ही नक्शे कदमों पर चलने वाली सरकार कहा है जिसमें दोनो ही शिक्षा के क्षेत्रा को निजी व्यवसायियों को बेचने पर उतारू हुए हैं।
माकपा ने प्रदेश सरकार की इस लचर रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इसकी वजह से ही इन निजी विवि का हौसला बढा है और यह अपनी मनमर्जी से ही कार्य कर रहे हैं खासतौर पर ऐसे माहौल में जब नियंत्राक को पगुं ही बना दिया गया है। पार्टी इस बात पर अत्यंत ही अचरज थी जब यह मालूम पडा कि देश में एक प्रदेश सरकार के भूतपूर्व राज्यपाल ने शिमला शहर के समीप एक निजी विवि में प्रति उपकुलपति का औहदा स्वीकार कर लिया है। यह ज्ञात रहे कि यही राज्यपाल अपने राज्य में सभी विवि के कुलाधिपति के रूप में कार्य कर रहे थे आज एक निजी विवि में मात्रा पैसे के आकर्षण में उपकुलपति का ओहदा हासिल कर लिया हैं। और वह भी एक ऐसे विवि में जिसका ज़मीन की खरीद फरोक्त हो या अन्य मामले हो का बहुत ही संदिगध् इतिहास रहा हो। यह यह भी दिखाता है कि इन निजी विवि की पकड कितनी मज़बूत है और अफसरशाही का क्यों लगाव इनके प्रति अधिक है।
उच्चतम न्यायाल में राज्य नियंत्राण आयोग के खिलाफ अपना केस हारने के बाद यह प्रभावशाली निजी विवि के प्रबंधन अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को या उनके नातियों और रिशतेदारों को अपने यहां पर नौकरी पर रख रहे हैं ताकि यह संदेशा साफ चला जाए कि उनके दामन पर कोई भी हाथ नही ढाल सकता है ठीक उसी तरह जिस तरह जेपी अपने प्रबंधन में बडे अफसरशाहों को रखता था।
माकपा ने कांग्रेस सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि वह अपने पूर्ववर्ती के नक्शेकदमों पर चलने की हिमाकत ने करे नहीं तो उसे भी वही अंजाम होगा जो भाजपा का हुआ था। आखिर कांग्रेस को यह क्यों नहीं समझ आ रहा है कि भाजपा दोनो नितियों व राजनीति में कांग्रेस से अधिक दक्षिणपंथी है तो लोग कांग्रेस को क्यों समर्थन करेंगें । अगर कांग्रेस ने इसी दिशा में बढना है तो इसका अपना आधार भी नहीं बच पाएगा !
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