शिमला।विवादास्पद फोन टेपिंग कांड में सीजेएम की अदालत से बरी होने के बाद पूर्व डीजीपी आई डी भंडारी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से उन्हेंं इस तरह प्रताडि़त व अपमानित करने को लेकर जवाब तलब किया है। भंडारी ने मुख्य सचिव पी मित्रा को भ्रष्टाचारी करार देते हुए कहा कि प्रदेश का ये आईएएस अफसर हजारों में नहीं लाखों में रिश्वत लेता रहा है।ये भारी रिश्वत लेता रहा है। जब इसे चीफ सेक्रेटरी बनाया जा रहा था तो इसके खिलाफ विजीलेंस केस चल रहे थे। आनन फानन में उन्हेंं क्लीन चिट दी गई और चीफ सेके्रटरी बनाया गया ।
भंडारी ने कौल सिंह के बाद आज वीरभद्र सिंह के लाडले आईपीएस अफसर एपी सिंह पर सीधा सीधा हमला बोला और कहा कि एपी सिंह, एक इंस्पेक्टर ,मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव रहे सुभाष आहलुवालिया ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कान भरे व उन्हें उनके खिलाफ भड़का दिया। इन सबने मिलकर वीरभद्र सिंह को बताया कि उनकेे चंडीगढ़ में उनकी बगिंग की गइ्र्र्।अब सीजेएम की अदालत ने कहा कि कोई मामला ही नहीं बनता तो ऐसे में वीरभद्र सिंह कोप्रदेश की जनता को जवाब देना चाहिए।उन्होंने कहा कि जितना उन्होंने झेला उससे कम से कम इस सबके लिए जिम्मेदार लोग आधा भी झेले इसका को प्रयास करेंगे।इस बावत वो अपने वकीलोंं से विचार कर रहे है।उन्होंने दोहराया कि उनका लोकतंत्र व कानून पर भरोसा है।
भंडारी ने कहा कि वीरभद्र सिंह की सरकार में ईमानदार अफसर घुटन महसूस कर रहे है।जो ईमानदार, निर्दोष है वे पीडि़त है।
याद रहे है पी मित्रा चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी से इसी महीने के आखिर में रिटायर हो रहे है। भंडारी ने मित्रा को चुनौती दी कि वो उनके खिलाफ मानहानि का दावा दायर करे। वो सारा सच अदालत में पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा चीफ सेक्रेटरी बनाहै येअपने आप शर्मनाक है।उधर,आहलुवालिया पर ईडी ने शिकंजा कसा हुआ है तो एपी सिंह आजाद है।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने उन्हेंंअवैध तरीके से हटाया था। रात को डीपीसी की गई व फोन टेपिंग का मुददा उछाला गया ।ये झूठा केस था।, हैरानी की बात यह है कि फोन टेपिंग मामले को लेकर सरकार द्वारा अदालत में दायर किए गए चालान में 14 सौ नहीं, बल्कि दो फोन अवैध तौर पर टेप होने की बात कही गई है। भंडारी का दावा है कि ये दोनों फोन भी अवैध तरीके से टेप नहीं हुए, अगर हुए हैं तो इस मामले से उनका लेना देना नहीं, क्योंकि फोन टेपिंग का जि म्मा डीजीपी के नहीं आईजी के अधीन होता है।
जो फोन टेप हुए उनमें से एक फोन किसी तिब्ब्ती नागरकि तथा दूसरा सब्जी मंडी का है। उन्होंने कहा कि समूचे प्रकरण से उन्हें पीड़ा पहुंची है। उन्होंने कहा कि कुछेक अफसरों ने अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने की खातिर मु यमंत्री को गुमराह किया है। अन्यथा उनके साथ मैनें बहुत साल काम किया, कभी भी मुझे तंग नहीं किया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह अब फोन टेपिंग मामले में कानूनविदों की राय लेने के बाद इस मामले में आगामी कार्रवाई करेंगे।
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