विशेषवर नेगी
रामपुर(20 अप्रैल 2025)। हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के महा प्रबंधक दिवंगत विमल नेगी के परिवार के सदस्यों ने उनकी रहस्यमयी मौत को लेकर की जा रही पुलिस जांच को कटघरे में खड़ा कर दिया है व संगीन इल्जाम पुलिस पर संगीन इल्जाम लगा दिया है कि जिस तरह गुडिया कांड में पुलिस ने सबूतों को तबाह कर दिया था उसी तरह चंद खास चहेतों को बचाने के लिए विमल नेगी मामले में भी सबूतों को ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा हैं।
ये संगीन इल्जाम किसी और ने नहीं दिवगंत विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने लगाए हैं। पुलिस अधिकारियों पर जानबूझकर महत्वपूर्ण सबूतों को छिपाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि कुछ खास व्यक्तियों को बचाने के लिए जांच को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है।
उन्होंने विमल नेगी के शव मिलने पर पहचान प्रक्रिया को लेकर भी पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया। किरण नेगी ने कहा, “हमें उस स्थान पर बुलाया जाना चाहिए था जहां विमल का शव मिला था, लेकिन इसके बजाय हमें अगले दिन एम्स बुलाया गया।”
किरण ने आगे कहा कि उनके पति हमेशा अपने एटीएम और आधार कार्ड को साथ रखते थे, जो दोनों गायब थे, साथ ही उनका मोबाइल फोन भी गायब हैं।
एक अन्य चौंकाने वाले खुलासे में किरण नेगी ने आरोप लगाया कि घटनास्थल पर मिली एक पेन ड्राइव को कभी भी परिवार को नहीं बताया गया, जो महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य को दबाने का प्रयास दर्शाता है। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि सबूतों को नष्ट करने या छिपाने के लिए शुरू से ही प्रयास किए गए थे जो संभावित रूप से सच्चाई को उजागर कर सकते थे।
हमें डर है कि यह मामले में शामिल शक्तिशाली व्यक्तियों को बचाने का प्रयास है।” कुख्यात गुड़िया मामले की तुलना करते हुए, जिसमें पुलिस को जांच में लापरवाही बरतने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, किरण ने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई तो अधिकारी एक बार फिर खुद को कठघरे में पा सकते हैं।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि प्रारंभिक शिकायत में स्पष्ट रूप से देशराज का नाम था और एमडी का नाम लिखाया था फिर भी एफआइआर में आरोपियों के नामों की जगह “अज्ञात व्यक्ति” शब्द का इस्तेमाल किया गया, जिससे शुरू से ही जांच की ईमानदारी पर संदेह पैदा हो गया।
किरण ने कहा, “यह मामला लगातार जटिल होता जा रहा है, आत्महत्या और हत्या के बीच की रेखाओं को पार करता जा रहा है। परिवार ही नहीं किन्नौर और प्रदेश की जनता का सरकार और पुलिस दोनों पर से विश्वास उठ रहा है।”
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