दिल्ली/ शिमला । गिरफतारी के बड़े खतरे के बीच मनी लांड्रिंग केस में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रर्वतन निदेशालय के अफसरों की पूछताछ का करीब पांच घंटे तक सामना करने के बाद बाहर आ गए। वीरभद्र सिंह दोपहर को पौने 12 बजे के करीब से इडी के कार्यालय में इडी अफसरों की पूछताछ का सामना करने पहुंचे और वो पौने पांच बजे के करीब बाहर आ गए।
इस मामले में कल भी पूछताछ होगी लेकिन उनसे होगीया उनके पुत्र व पुत्री से होगी इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पा रही हैं। मुख्यमंत्री मनी लांड्रिंग केस में इडी अफसरों की पूछताछ का सामना करने के लिए बीते रोज दिल्ली चले गए थे। उनके सारे करीबी अफसर दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। उनके बाहर आने से उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली हैं।
उधर,पिछले दो दिनों से वीरभद्र सिंह के राजनीतिक विरोधी प्रेम कुमार धूमल दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 अप्रैल की शिमला रैली की आड़ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं।
वो बीते रोज अमित शाह से मिले थे जबकि वो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। वीरभद्र सिंह के मसले पर इन दोनों से उनकी क्या बातचीत हुई इसका खुलासा तो नहीं हुआ हैं लेकिन समझा जा रहा हैं इस मसले पर धूमल ने जरूर कोई न कोई बात की होगी। बहरहाल मुख्यमंत्री से हो रही पूछताछ से प्रदेश कांग्रेस में हलचल मची हुई रही। वैसे धूमल परिवार और वीरभद्र परिवार में एक अरसे से अंदरखाते सुलह हो चुकी हैं।
इस हलचल के बीच सचिवालय में केवल एक मंत्री विद्या स्टोक्स ही रहीं बाकी सारे मंत्री सचिवालय से गायब हैं।अधिकांश मंत्री दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं व इडी की पूछताछ पर सब निगाहें लगाए रहें।
बीते रोज मुख्यमंत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी देकर अदालत से उन्हें गिरफ्तार न करने बावत इडी को आदेश देने का आग्रह किया था। वो चाहते थे कि जिस तरह पहले इडी की पूछताछ से पहले उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व पुत्र विक्रमादित्य सिंह को अदालत से राहत मिल गई थी उसी तरह उन्हें भी अदालत से राहत मिले ।
लेकिन एएसजी संजय जैन ने कहा कि वो ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि इडी को कस्टडी चाहिए या नहीं।ऐसे में वो अदालत में कोई आश्वासन नहीं दे सकते।ये तो मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी ही बता सकते हैं। अदालत अब अर्जी पर सुनवाई 23 तारीख को करनी हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री पसोपेश में थे कि वो आज पूछताछ के लिए हाजिर हो या न हो। लेकिन उन्होंने पूछताछ में शामिल होने का फैसला लिया।
गौरतलब हो कि 23 सितंबर 2015 में सीबीआई की ओर आय से अधिक मामले में एफआइआर दर्ज कर देने और उसके बाद हॉलीलॉज समेत उनके कई ठिकानों पर छापेमारी करने के बाद इडी ने ने भी इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।तब से लेकर अब इस मामले में सीबीआई ,इडी व आयकर विभाग जांच कर रहे हैं।
ये जगजाहिर है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित् हैं।अभी बाकी विवरण का इंतजार हैं।
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