शिमला। विवि के नाम पर अरबों की फर्जी डिग्री बेचने की दुकान चलाने वाले मानव भारती विवि सोलन के कर्ताधर्ता की फरार पत्नी अशोनी कंवर की पौने छह करोड़ की सात संपतियों को ईडी ने आज अटैच कर दिया है। मानव भारती विवि सोलन के कर्ताधर्ता राज कुमार राणा की पत्नी अशोनी कंवर इस मामल में सह अभियुक्त है और वो कहीं विदेश में फरार है। उसे अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है।
फरार अशोनी कंवर की पांच करोड़ 80 लाख रुपए की ये सात संपतियां हिमाचल,हरियाणा और दिल्ली में है जिन्हें इडी ने धन शोधन अधिनियम के तहत अटैच कर दिया है। ईडी का दावा है कि इन संपतियों को फर्जी डिग्री बेचने से हासिल की गई रकम से खड़ा किया गया है। इस मामले में इडी ने 29 जनवरी 2001 को 194 करोड़ 14 लाख की चल व अचल संपतियां अटैच की थी। इढी इस मामले में अब तक 200 करोड़ के करीब संपतियों को अटैच कर चुकी है।
ये है मामला
याद रहे देश भर में करोड़ों रुपए की फर्जी डिग्रियां बेचने का ये मामला जिला सोलन के धर्मपुर पुलिस स्टेशन में सामने आया था।
धर्मपुर पुलिस स्टेशन में तब हिमाचल पुलि स ने मानव भारती विवि के खिलाफ तीन एफआइआर दर्ज की थी। बाद में ये एफआइआर इडी की जांच के लिए भी भेजी गई। इडी की जांच के दौरान सामने आया कि राजकुमार राणा ने अपनी पत्नी अशोनी कंवर और पुत्र मनदीप राणा के साथ मिलकर देश भर में छात्रों को एजेंटों के जरिए अरबों रुपयों की फर्जी डिग्रियां बेच दी।
जांच के दौरान ये भी सामने आया कि इन फर्जी डिग्रियों से इन तीनों ने 387 करोड़ रुपए की कमाई की।यानी ये घोटाला 387 करोड़ तक पहुंच गया है।जांच के मुताबिक इस धंधे से हासिल रकम इन तीनों ने विभिन्न राज्यों में अपने व अपने रिश्तेदारों के नाम दर्जनों संपतियां बना रखी।
यही नहीं इडी ने इस मामले में राजकुमार राणा,अशोनी कंवर व पुत्र मनदीप राणा समेत 14 आरोपियों के खिलाफ शिमला स्थित इडी की विशेष अदालत में चालान पेश कर दिया है और अदालत ने चार जनवरी को इस पर संज्ञान भी %
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