शिमला। प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनने की मुहिम छेड़े पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हमीरपुर में ही भाजपा व कांग्रेस विधायकों ने घेर रखा है। उस पर तूर्रा यह है कि धूमल के पंच प्यारों व उनके लाडले उन्हें इस घेरे से बाहर निकलने का रास्ता नहीं देखने दे रहे है।
धूमल सुजानपुर से विधानसभा चुनाव क्या हारे उनके कई वफादार अचानक गायब हो गए। चुनाव हारने के बाद उनका जलवा जनता में बरकरार रहे इस बावत हल्ला मचा दिया गया कि मुख्यमंत्री उन्हें ही बनाया जा रहा है। धूमल भी इस हवा में आ गए व वह संकेत देने लगे। लेकिन जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बन गए । इसके बाद धूमल का सताकेंद्र में रौबदाब खत्म हो गया।
बताते है कि हमीरपुर में उनको सुजानपुर में काग्रेंग विधायक राजेंद्र राणा, तो हमीरपुर में भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर और नादौण में विजय अग्निहोत्री अपने अपने हलकों में पांव नहीं धरने दे रहे है। नादौणता में बलदेव शर्मा भी नाराज चल रहे है।
सूत्र बताते है कि हमीरपुर में भाजपा मंडल पर धूमल खेमे का वर्चस्व है वह धूमल को विभिन्न कार्यक्रमों में बुलाना भी चाहते है। लेकिन नरेंद्र ठाकुर उन्हें अभी तक हमीरपुर के जिला मुख्यालय में पांव नहीं धरने दे रहे है। विधानसभा चुनावों में धूमल के हार जाने के बाद नरेंद्र ठाकुर पर भारी दबाव बनाया गया था किवह अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर धूमल के लिएसीट खाली कर दे। लेकिन नरेंद्र ठाकुर नहीं माने।
अब वह धूमल परिवार की राजीनीति समझ चुके है और उन्हें समझ आ गया है कि अगर इस परिवार को आगे आने दिया गया तो यह उनकी राजनीति को तबाह कर देगा। बताते है कि बीते दिनों करारगिल दिवस पर धूमल को हमीरपुर मुख्यालय में होने कार्यक्रम में आना था। लेकिन उन्हें आने नहीं दिया गया। दूर कहीं टौणी देवी में उनका कार्यक्रम रखवाया गया। इसके अलावा भी पिछले सात महीने में ऐसे बहुत से कार्यक्रम हुए है जहां पर धूमल को दरकिनार किया जाता रहा। कहा जा रहा है कि नरेंद्र ठाकुर नपे तुले राजनीतिक दांव चल रहे है।
उधर , विजय अग्निहोत्री भी इस बात से लेकर नाराज है कि उनकी हार में भी धूमल का हाथ है। धूमल खेमे ने धूमल को पार्टी अध्यक्ष बनाने की लॉबिंग शुरू की तो जयराम ठाकुर खेमे ने विजय अग्निहोत्री का नाम आगे कर दिया । वैसे भी नए नवेले मुख्यमंत्री के सामने कोई भी राजनीतिक पार्टी का आलाकमान बड़े नेता को अध्यक्ष नहीं बनाता है। हालांकि राजनीति में कुछ भी संभव है। धूमल खेमे से कोशिशें जारी है लेकिन ये सारी कोशिशें धूमल व उनके परिवार की राजनीति के लिए खतरनाक है।
उधर सुजानपुर से धूमल को राजेंद्र राणा ने संकट में डाला हुआ है। राजेंद्र राणा ने राजनीति में कुछ बड़ा बनने की महत्वाकांक्ष पाल चुके है। वह वीरभद्र सिंह को उंगलियों पर नचा रहे हैं जबकि धूमल की तरह ही वीरभद्र सिंह का भी जलवा खत्म हो चुका है। दीवारों पर लिखी इन इबारतों को शायद राणा पढ़ नहीं पा रहे है। बावजूद इसके वह वीरभद्र को आगे करके धूमल पर निशाना साधने का कोई मौकानहीं चूक रहे है।
धूमल परिवार को घेर लिया गया है यह धूमल व उनके पंच प्यारों को समझ नहीं आ रहा है और यह नासमझी आगामी लोकसभा चुनावों में हमीपुर से अगर अनुराग ठाकुर को टिकट मिला तो उनको डूबो देगा। हमीरपुर में वैसे ही बुरे हाल है। उधर, मंडी में धर्मपुर में महेंद्र सिंह ठाकुर हिसाब करने को मचल रहे है, देहरा में रविंद्र रवि ने निर्दलीय विधायक होशियार सिंह से पंगा लिया हुआ है। रविंद ्ररवि अनुराग को देहरा में कई बार बुला चुक े है और होशियार सिंह के खिलाफ कई कुछ उगलवा चुके है। ऐसे में रविंद्र रवि तो निपट ही चुके है कहीं अब अनुराग ठाकुर को भी न निपटा दें।
चूंकि धूमल को अध्यक्ष बनाने की मुहिम छेड़ कर ऊना से सतपाल सती भी अब चौकन्ने होने लगे है। उन्हें भी लगने लगा है कि उन्हीं की कुर्सी पर निगाह । इन तमाम हालातों में आगामी लोकसभा चुनावों में धूमल परिवार का क्या होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल काम नहीं है।
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