शिमला। प्रदेश में बेशक सरकार बदल गई है लेकिन नौकरशाही अपने ही चाल से चल रही है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नौकरशाही पर पकड़ ही नहीं हैं। इसीलिए तो भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर नौकरशाहों की ओर से पूर्व जयराम सरकार की तरह की रवैया अपनाया जा रहा हैं।
मामला नालागढ़ की लग पंचायत का हैं जहां पर पंचायत प्रधान के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई इल्जाम है और प्रारंभिक जांच भी हो चुकी हैं। लेकिन नौकरशाहों ने नियमित जांच का पेंच फंसा कर अपना खेल खेल दिया था। यह खेल अब तक जारी हैं। आलम यह है सुक्खू सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह की चिटिठयां भी नौकरशाही की कारगुजारियों को रोक नहीं पा रही हैं। जबकि सरकार को सत्ता में आए हुए पांच महीने से ज्यादा का समां हो गया हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू रोजाना भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का दावा ठोकतें नजर आ रहे है लेकिन जमीन पर भ्रष्टाचारियों की मौज हैं।
इसका खुलासा मुख्यमंत्री के नाम लिखी एक चिटठी करती नजर आ रही हैं।
चिटठी में शिकायत कर्ता ने विकास खंड अधिकारी नालागढ़ की ओर से बार – बार लग लग पंचायत में मनरेगा फर्जीबाड़े के निर्माण स्थलों के निरीक्षण की रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर ना सौंप कर भ्रष्टाचार बारे चल रही लग पंचायत की नियमित जांच प्रभावित करने व प्रधान की ओर से गवाहों प्रभावित करने का मौका देकर सरकार एंव उपमण्डलीय अधिकार नालागढ के आदेशों की अवहेलना करने का इल्जाम लगाया हैं।
आर एस ठाकुर नामक एक व्यक्ति ने चिटठी में लिखा है कि प्रधान ग्राम पंचायत लग खंड नालागढ के भ्रष्टाचार की 2 बार हो चुकी हैं। पहली जांच में 5 गंभीर आरोपों में दोषी पाये जाने के बाद उपायुक्त सोलन ने पहली नियमित जांच 19 जुलाई 2022 और दूसरे वेंडर फर्जीबाडे की जांच 2 नवंबर 2022 को उपमण्डलीय अधिकारी नालागढ को 3 महीनो के भीतर करने के निर्देश दिए थे।
लेकिन पूर्व बीडीओ के समय 18 दिसंबर 2021 को हुई पहली प्रारंभिक जांच में उस समय की जांच कमेटी ने मनरेगा निर्माण स्थलों का निरीक्षण नहीं किया और मनरेगा कार्य की 3 जोहडियां निर्माण में जेसीबी के प्रयोग के वीडियो जांच कमेटी को सौंपने के वाबजूद उन्हें उपायुक्त को नहीं भेजा ।
इसी कारण हम लोगों ने अनेको बार उपायुक्त सोलन और उप मण्डलीय अधिकारी नालागढ को भी पत्र लिखकर अवगत करवाया। उपमण्डलीय अधिकारी नालागढ ने 26 अगस्त 2022 को विकास खंड अधिकारी नालागढ़ को 7 दिनों के भीतर सभी सम्बंधित विवादित मनरेगा निर्माण स्थलो्ं के निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को के निर्देश दिये थे। लेकिन विकास खंड अधिकारी ने इन आदेशों को अनदेखा किया। इसके बाद दूसरा आदेश 23 फरवरी 2023 को फिर लिख कर एसडीएम ने नियमित जांच अधिकारी ने 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी। इसके बाद विकास खंड अधिकारी ने 2 मार्च 2023 को एक जांच कमेटी गठित कर 4 मार्च 2023 को विवादित मनरेगा निर्माण स्थलों का निरीक्षण करवाया। जिसकी जांच रिपोर्ट आज तक भी विकास खंड अधिकारी नालागढ़ उपमण्डलीय अधिकारी को नही सौंप सका।
ठाकुर ने इल्जाम लगाया किया कि इसी बीच प्रधान ने 2 गवाहों को प्रभावित किया जिस कारण नियमित जांच प्रभावित हई है।
चिटठी में लिखा गया है कि पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी एसडीएम सहाब को 8 फरवरी 2023 को पत्र लिखकर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा था।अगर खंड विकास अधिकारी नालागढ़ एसडीएम के 26 अगस्त 2022 के निर्देशो को अनसुना नहीं करते तो आज नियमित जांच पूरी हो चुकी होती।
अब ठाकुर ने बीडीओ की शिकायत कर दी है और पूर्व सरकार की तरह की सुक्खू सरकार की नौकरशाही ने चिटठीबाजी का चलन जारी रखा हैं और डीसी सोलन को इस बावत जांच करने के आदेश दिए हैं। यह दिलचस्प तो है ही साथ ही सुक्खू सरकार की कारगुजारियों का भंडा भी फोड़ करती हैं।
याद रहे एसएससी हमीरपुर में हुए पेपर लीक को लेकर सुक्खू सरकार अपना खूब डंका पिटवा रही हैं लेकिन इसकी जांच में अभी तक पूर्व सरकार के किसी मंत्री व नेता को हाथ सामने नहीं आया है जबकि मुख्यमंत्री खुद दावा कर रहे है कि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हुआ। किसका संरक्षण था इसका भंडाफोड़ तो मुख्यमंत्री को करना ही होगा। अभी तक पूर्व सरकार में विभिन्न विभागों में भर्तियों में हुई धांधलियों की जांच के लिए कमिशन आफ इंक्वारी का कहीं कुछ पता नहीं हैं।
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