शिमला।प्रदेश की कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खूं सरकार की ओर से बागवानी विवि नौणी और कृषि विवि पालमपुर की नियुक्तियों में राज्यपाल की शक्तियों को कम करने वाला बिल अभी राजभवन नहीं पहुंचा हैं। सुक्खू सरकार ने इस बिल को मानसून सत्र में सदन से पारित कराया था।इस बिल में इन दोनों ही विवि के कुलपतियों की नियुक्तियों में सरकार के दखल को बढ़ाने का प्रावधान किया है। बिल में प्रावधान किया गया है कि राज्य पाल कुलपतियों की नियुक्ति सरकार की सलाह व सिफारिश के आधार पर करेंगे। इसके अलावा कुलपति का कार्याकाल पांच साल करने का प्रावधान भी हैं।
जुन्गा में पैराग्लाइडिंग के आयोजन का आगाज करने पहुंचे राज्य पाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि उन्होंने यानी सरकार ने क्या बिल पारित कराया है इसका उन्हें कोई पता नहीं हैं। बिल अभी उनके पास नहीं पहुंचा हैं। जब बिल उनके पास आएगा तो वह इस पर विचार करेंगे।
उन्होंने सुक्खू सरकार को इस मौके पर खरी-खरी सुनाने में कोई चूक नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्होंने ये जरूर सूना था कि इन विश्वविदयालयों को सरकार पैसा देती हैं। ये बयान ठीक नहीं हैं।ये विश्वंविदयालय निजी संस्थान नहीं हैं।ये हिमाचल के सार्वजनिक संस्थान हैं और सरकारों को सार्वजनिक हितों के लिए कुर्बानी देनी चाहिए न कि सार्वजनिक हितों को हड़पना चाहिए।
इन बिलों को लेकर जुन्गा में गए पत्रकारों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से सवाल पूछा था। उन्होंने पैराग्लासइडिंग कार्यक्रम कराने के लिए आयोजकों को बधाई भी दी।
उधर, इस बावत विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने कहा कि विधानसभा से तो ये बिल मानसून सत्र समाप्त होने के बाद ही सरकार को भेज दिया गया था। समझा जा रहा है कि अब ये बिल सरकार के पास ही अटका हैं इस बावत सरकार के स्तर पर किसी से जानकारी नहीं मिल रही हैं।लेकिन एक बात साफ है कि कई मसलों पर सुक्खू सरकार और राजभवन के बीच तल्खियां थम नहीं रही हैं।
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