शिमला। राजधानी में रह रहे कश्मीरी व अन्य मजदूरों को राशन न मिलने पर वामपंथी विधायक राकेश सिंधा ने जिला उपायुक्त कार्यालय के गेट के बाहर आज सुबह अपना धरना शुरू कर दिया।
इस बीच वहां पहुचं नायाब तहसीलदार और सिंघा के बीच जमकर बहस हो गई व नायब तहसीलदार ने कहा कि प्रशासन इनके पास गया था। लेकिन इन्होंने कई कुछ की मांग कर रहे थे। इस बीच सिंघा ने नायग तहसीलदार को कहा कि वह झूठ बोल रहे है। इस बीच दोनों में बहस हो गई व एसडीएम नीरजा चंदेल के सामने ही नायब तहसीलदार ने सिंघा पर इल्जाम लगा दिया कि वह राजनीति कर रहे है। इस पर सिंघा भड़क गए । आखरि में एसडीएम ने नायब तहसीलदार को वहां से जाने को कहा ।सिंघा ने कहा कि ये जामा मस्जिद में रह रहे 129 लोगों का मामला नहीं है।शहर में जगह –जगह मजदूरों की ऐसी ही स्थिति है। वह भरपेट भोजन नहीं कर पा रहे है।
वह आज ऐसे मजदूरों की सूचियां लेकर एसडीएम के कार्यालय पहुंचे थे जिन्हें राशन नहीं मिल रहा था । एसडीएम नीरजा चंदेल ने उनसे सारी सूचियां मांगी व कहा कि प्रशासन एनजीओ के जरिए चिन्हित 1200 मजदूरों को राशन मुहैया करा रहा है। अगर किसी के पास किसी भी तरह की जानकारी है तो वह प्रशासन से साझा करे ताकि प्रशासन जरूरतमंदो को राशन मुहैया करा सके। इसके बाद सिंघा वहीं पर धरने पर बैठ गए व कहा कि जब तक सभी जरूरत मंदों को राशन नहीं मिलेगा वह यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने एसडीएम को इंसानियत का सबक भी सिखाया व कहा वह अपने दम पर जितना कर सकते थे उन्होंने बाकी विधायकों से पहले किया है।
वह इस तरह के नेता नहीं है कि तस्वीरें खिंचाते जाए व प्रचार करते जाए।
एसडीएम के ये कहने पर कि प्रशासन ने राशन मुहैया कराया है, सिंघा ने वहीं से किसी मजदूर को फोन कर दिया व दूसरी ओर से मजदूर ने कह दिया ककि उन्हें कोई राशन नहीं मिला है।उन्होंने एसडीएम से कहा उन्होंने पूरी बात सुनी है, अब भी उन्हें लगा है कि ये लोग झूठ बोल रहें होंगे।इस बीच उन्हें मंडी से भी फोन आ गया व वहां पर 34 मजदूर कहीं तंबू में है। उन्हें स्कूल भवन में भेजने का वादा प्रशासन ने किया था लेकिन भेजे नहीं गए थे। इन्होंने भी राशन न मिलने की शिकायत की।
एसडीएम के मांगने पर सिंघा ने एक सूची मुहैया कराई व कहा कि पहले इन लोगों को राशन मुहैया कराओ उसके बाद वह ये जांचेंगे कि इन्हें राशन मिला कि नहीं इसके बाद दूसरी-तीसरी सूची देंगे। तब तक वह धरने पर ही रहेंगे। इस बीच आनन फानन ने पूरी मशीनरी राशन बांटने पर लगा दी।
सरकार व प्रशासन की खुली पोल
ठियोग से विधायक राकेश सिंघा की ओर से मजदूरों को राशन न मिलने का मसला उठाए जाने व इस तरह धरने पर बैठने से जयराम सरकार और जिला प्रशासन की पोल खुल गई है। पूर्ण बंदी से लेकर अब तक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद राजधानी में ही है। रोजाना कामकाज की समीक्षा भी हो रही है। दूसरी ओर भाजपा भी मोदी किट बांट रही है। कई एनजीओ भी राशन बांटने के काम में लगी है, इसके बावजूद मजदूरों को राशन न मिलने से जयराम सरकार व उनकी मशीनरी सवालों में घिर जाती है।
जयराम ने दिया जवाब
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राकेश सिंघा जिन कश्मीरी खानों की बात कर रहे उनके पास प्रशासन दो बार गया था। इनको तैयार खाना देने की भी पेशकश भी की गई लेकिन इन्होंने इंकार कर दिया था। इनकी एक ही मांग है कि इन्हें इनके राज्य जम्मू कश्मीर भेज दिया जाए। जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत ऐसा करना संभव नहीं है। अगर इन्हें भेज भी दिया जाता है तो इसकी गारंटी नहीं है कि जम्मू कश्मीर की सरकार इन्हें अपनी सीमा में आने ही दे।इसके अलावा कोरोना संक्रमण का भी खतरा है।
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