शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर शिक्षा विभाग की ओर से बैचवाइज भरे जा रहे 1555 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती को लेकर विभाग की ओर से स्थिति स्पष्ट न होने से हजारों जेबीटी डिप्लोमा धारक बेहाल है। ये बेरोजगार जेबीटी डिप्लोमा धारक सिरमौर से लेकर भरमौर तक और किन्नौर से लेकर कांगड़ा तक हर जगह काउसलिंग में शामिल हो रहे हैं। जबकि नौकरी एक ही जगह मिलनी है। चूंकि इन्हें नौकरी चाहिए तो यह टैक्सियां व बसों में पैसे खर्च कर धक्के खा रहे हैं और उनके लिए स्थिति अभी तक भी स्पष्ट नहीं है। अधिकांश डिप्लोमा धारक चार से पांच जिलों में जाकर काउंसलिंग में शामिल हो चुके है। जबकि बहुत से ऐसे भी है जो हर जिले में काउसंलिंग में शामिल हो रहे है। मायने यह कि एक ही पद के लिए अलग-अलग जिलों में काउसलिंग में जा रहे है। हर जिलें में दो से अढाई हजार डिपलोमा धारक काउसलिंग में शमिल हो रहे है। यह काउसलिंग 23 जुलाई को खत्म होनी है।
शिक्षा विभाग के पास ऐसी कोई जानकारी ही नहीं है कि जेबीटी का ऐसा कौन सा बैच है जिसे नौकरी देने की शुरूआत करनी है। ऐसे में विभाग ने अब तक जितने भी जेबीटी डिप्लोमा धारक उन सबको काउसंलिंग में शामिल होने के लिए पात्र करार दे दिया। ऐसे में 2010 बैच के जीबीटी डिप्लोमा धारक भी और 2016-17 बैच के डिप्लोमा धारक भी जगह-जगह काउंसलिंग में शामिल हो रहे है। लेकन किस जिले में किस बैच को नौकरी मिलनी है यह साफ नहीं है। जबकि कायदे से शुरू के ही दो चार बैचिज को काउसंलिंग के लिए बुलाया जाना चाहिए था। ताकि बाकी परेशानी से बच सके।
विभाग ने हरेक जिला में काउसिलंग के लिए अलग तिथि निर्धारित की है। जहां काउसलिंग हो रही है, वहां विभाग ने अलग -अलग जिलों से आने वाले डिप्लोमाधारकों को अलग-अलग काउंटर लगाए हैं। वहां पर इनके प्रमाणपत्र व बाकी दस्तावेज लिए जा रहे है। जेबीटी का काडर जिला काडर है। ऐसे में नौकरी के बाद जिस जिले में ये डिप्लोमा धारक डयूटी ज्वाइन करेंगे,इनका काडर उसी जिले का मिलेगा। इनका तबादला किसी और जिले में नहीं हो सकेगा।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई डिप्लोमाधारक चार जिलों में हुई काउसंलिंग में शामिल हुआ लेकिन इन जिलों में उसका नंबर नहीं आया । तो क्या उसे बाकी के आठ जिलों में जहां वह काउंसलिंग में शामिल नहीं हुआ, वहां तैनाती दी जाएगी। ऐसे में विवाद खड़ा हो जाएगा कि जब उक्त जिलें में काउसलिंग में वह शामिल ही नहीं हुआ तो उसे तैनाती कैसे दी जा सकती है।
इस बावत शिक्षा सचिव अरुध शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की वजह से सरकार को हर जिले में काउसलिंग में शामिल होने का रास्ता खुला रखना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि बेशक जेबीटी शिक्षकों का काडर जिला काडर है लेकिन वह आवेदन किसी भी जिले में कर सकते है।
उन्होंने कहा कि विभाग उन्हें विकल्प देगा कि वह किस जिला में जाना चाहते है। पहले तरजीह शुरूआती बैच को ही मिलेगी।
अगर ऐसा है तो फिर जगह -जगह काउसलिंग कराने की जरूरत नहीं थी। डिपलोमाधारक को उसी के जिले में काउसंलिंग के लिए बुला लिया जाता और अगर किसी को किसी दूसरे जिला उपयुक्त होता तो उसे वहां की इजाजत भी दे दी जाती । बाद में सारे आवेदन आ जाने के बद के बाद विकल्प दे दिए जाते । विभाग के अधिकारी बताते है कि यह सब दिक्कतें बैच को लेकर जानकारी नहीं होने की वजह से है। सरकार के पास यह जानकारी नहीं है कि तैनाती किस बैच से देनी है। अब सारी जानकारी विभाग के पास आ जाएगी तो अगली बार यह दिक्कत नहीं होगी। लेकिन इस दिक्कत ने नौकरी हासिल करने वाले जेबीटी शिक्षकों क ो बेहाल कर रख है।
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