शिमला। पिछले साल जुलाई में खालिस्तानी समर्थक गुरपंतवंत सिंह पन्नू की ओर से विभिन्न नेताओं , पत्रकारों व अन्यों के खिलाफ मोबाइल नंबरों पर भेजे धमकी भरे संदेशों को अमेरिका से वेब एप्लीकेशंस के जरिए भेजा गया था। यह खुलासा फोरेसिंक लैब जुन्गा से आई रपट में हूआ है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अब इस मामले में पुलिस इंटरपोल की मदद से पन्नू के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने जा रही है।
कुंडू ने कहा कि पन्नू ने पिछले साल जुलाई में विभिन्न लोगों को 15 अगसत के मौके पर भारतीय तिरंगे को न फहराने के धमकी भरे संदेश जारी किए थे । उसने खालिस्तानी समर्थक सिखों को प्रलोभन देकर इस काम करने के लिए उकसाया था।
इसी प्रकार एक अन्य संदेश में सरकार को किसान विरोधी कानून के लिए जिम्मेदार ठहराया था व हिमाचल के लोगों को 15 अगसत के दिन घर में ही रहने की धमकी दी थी।
कुंडू ने कहा कि इस बावत साआइडी के अपराध थाने में 31 जुलाई को 2021 को भारतीय दंड संहिता की धारा 124,153,ए, 506, 120बी, और गैरकानूनी गतिविधियां निरोध अधिनियम यानी यूएपीए की धारा 13 और आइटी अधिनियम के तहता मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले के तहत पन्नू की ओर से भेजे गए संदेश की आवाज का स्पैक्ट्रम फारेसिंक प्रयोगशाला जुन्गा में विश्लेषण में भेजा गया । कुंडू ने कहा कि विश्लेषण में संदिग्ध आवाज पन्नू की ही पाई गई है।
उन्होंने कहा के जांच के दौरान इंटरनेट प्रोटोकाल का विश्लेषण पर यह सामने आया कि ये संदेश अमेरिका से एक वेब एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर भेजे गए थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस अब पन्नू के खिलाफ इंटरपोल की मदद से रेड कार्नर नोटिस जारी करने जा रही है और जल्द ही आरोप पत्र अदालत में पेश श्किा जाएगा।
कुंडू ने कहा कि पन्नू विदेश में बैठा भारत का वांटेड आंतकवादी है। वह खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख्स फार जस्टिस का स्वय भू सरगना है। वह सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ प्रचार युद्ध चलाता रहा है। कुंडू ने कहा कि 1 जुलाई 2020 को भारत सरकार ने पन्नू को संशोघित यूएपीए कानून के तहत आंतकवादी घोषित किया है और प्रदेश पुलिस इस मामले में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कानून के अनुसार प्रक्रिया अम्ल में ला रही है।
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