शिमला।कुनिहार नागरिक अस्पताल में बीते रोज भी कई मरीजों के सरकारी लैब में टेस्ट नहीं हुए। चूंकि आज महाशिवरात्रि की छुटटी थी तो कुछ लोगों को कल यानी वीरवार को आने के लिए कहा गया है।तब टेस्ट होने की संभावना हैं। अब कल यानी वीरवार को क्या होता है ये अभी देखना है।
गंभर पुल के समीप रहने वाले सुरेश और उनकी पत्नी दीपिका पिछले तीन दिनों से कुनिहार नागारिक अस्पताल में रोजाना आ रहे है । दीपिका गर्भवती है और उसके एचआइवी और एचबी का टेस्ट होना हैं। ये टेस्ट अस्पताल की सरकारी लैब में ही होते है। ऐसा जानकारी उसे हैं। शुगर का टेस्ट भी नहीं हुआ।
सुरेश ने कहा कि वो और उनकी पत्नी पिछले तीन दिनों से लगातार कुनिहार अस्पताल आ रहे है। लेकिन अस्पताल से कल-कल कह कर अगले दिन को बुला दिया जाता है। आज शिवरात्रि है तो अब वीरवार को बुलाया गया है।
सुरेश ने कहा कि अब वो सोलन में ही टेस्ट कराएंगे।उनके तो सैंपल तक नहीं लिए गए हैं अभी तक। यहां पता नहीं कब तक ऐसे ही चलता रहेगा। ये पूछे जाने पर कि वो इस बाव त अपने जनप्रतिनिधियों से बात नहीं करते तो सुरेश ने कहा कि यहां कोई नहीं सुनता। सुरेश का गांव कुनिहार अस्पताल से आठ किलोमीटर दूर हैं।
इस बावत खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर तारा चंद नेगी ने कहा कि वो इस बावत सुरेश से बात करेंगे। उन्हें उसका मोबाइल नंबर भी लिया। यहां आ रहे मरीजों व उनके तीमारदारों के मुताबिक अस्पताल में लैब तकनीशियन मौजूद थी लेकिन उससे काम छीना हुआ हैं।
उधर, सुक्खू सरकार रोजाना दावा करती आ रही है कि वो घर दवार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन कुनिहार अस्पताल से जिस तरह की जानकारियां मिल रही है वो उनके दावों को ध्वस्त कर दे जा रही हैं।सरकार तो मोबाइल वैन के दावे भी कर रही हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ और ही हो रहा हैं।
उमेश की पत्नी यहां दाखिल थी। उसका भी टेस्ट होना था ।लेकिन उसे बीते रोज शाम छुटटी देकर घर भेज दिया । उमेश ने कहा कि डाक्टरों ने उसे कुछ इंजेक्शन दिए हैं । उन्होंने सोमवार को भी कहा था व आज भी कहा कि अस्पताल में हालात अच्छी नहीं हैं।
चचियूड गांव की शंकुतला भी अस्पताल में दाखिल थी उसे भी छुटटी दे दी गई है।
याद रहे सोमवार को reporterseye.com कुनिहार नागरिक अस्पताल से यहां टेस्ट कराने आए लोगों को बैंरग लौटाने का मसला उठाया था ।
उधर,कृष्णा लैब में जो टेस्ट होते है उनकी रपट दूसरे दिन मिलती है। अगर छुटटी हो तो फिर तीसरे दिन रिपोर्ट मिलेगी। यानी की मरीज को रिपोर्ट दिखाने दोबारा अस्पताल आना पड़ेगा। कृष्णा लैब के प्रतिनिधियों से बात की गई तो कहा गया कि यहां पर आधे टेस्ट तो हो जाते है जबकि आधे नमूनों को शिमला भेजा जाता है। कृष्णा लैब का अपना एप भी है।
जानकारी के मुताबिक पहले ये टेस्ट के नमूने एमएमयू कुमारहटटी जाते थे। वहां से रपट आती थी। लेकिन अब कृष्ण लैब को काम दिया गया हैं। साफ है सरकार निजी हाथों में सब कुछ देने को उतारू हैं। जबकि सरकारी लैब से रिपोर्ट उसी दिन मिल जाती है लेकिन सरकार सरकारी तंत्र को मजबूत करने के बजाय निजी हाथों को मजबूत करने पर लगी हैं।
ये बात खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर तारा चंद नेगी भी मानते है कि अस्पताल की सरकारी लैब से जिस दिन नमूने लिए जाते है उसी दिन चंद घंटों में रिपोर्ट भी दे दी जाती हैं। यानी ये तंत्र मरीज मित्र हैं। डाक्टर नेगी ने कहा कि अर्की अस्पताल में तमाम टेस्ट हो इसके लिए सरकार को प्रस्तााव भेजा गया हैं। याद रहे सरकार ने 56 टेस्ट फ्री किए हुए है ।
इलाज के नाम पर ये व्यवस्थाएं अजीब हैं और वो भी नागरकि अस्पताल में ।
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