शिमला।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बेशक पूर्व में भाजपा की ओर से तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ राज्यपाल को सौंपें आरोपपत्रों की जांच कराने के बजाय रददी के टोकरी में फेंक दिया हो लेकिन कांग्रेस ने सरकार के भ्रष्टाचार और अन्य कारनामों को लेकर आरोपपत्र बनाने का काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस की ओर से तैयार किए जा रहे आरोपपत्र में महामारी के दौरान स्वस्थ्य महकमे में हुई खरीद का ब्योरा तो होगा ही साथ ही जलशक्ति विभाग में पाइपों की खरीद में की गई कथित धांधलियों का भी परत दर परत जिक्र होगा। इन मामलों से जुड़ी जानकारियां समिति तक पहुंचनी भी शुरू हो गई है।
कांग्रेस पार्टी के ओर से जयराम सरकार के भ्रष्टाचार के कारनामों और सरकार की नाकामी का लेखा जोखा तैयार करने के लिए गठित चार्जशीट समिति के अध्यक्ष राजेश धर्माणी ने कहा कि वह जल्दी ही कांग्रेस के पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर के तमाम पदाधिकारियों को चिटठी लिख कर उनके क्षेत्रों में हुए घपलों व अन्य विफलताओं का ब्योरा मंगाएंगे । इसके अलावा वह आम नागरिकों का भी आहवान करेंगे कि उनके पास सरकार की नाकामियों व भ्रष्टाचार को लेकर जितनी भी पुख्ता जानकारियां है उसे चार्जशीट समिति तक पहुंचाएं।
जानकारी के मुताबिक चार्जशीट समिति के पास सरकार के कारनामों को लेकर बहुत से दस्तावेज और जानकारियां पहुंचनी भी लगी है। इसके अलावा विभिन्न विभागों में नियमों को दरकिनार कर चहेतों की कर दी गई नियुक्तियों ,पदोन्नतियों और सेवा विस्तार को लेकर भी आरोप पत्र के लिए सामाग्री जुटाई जा रही है।
पिछले दिनों ही प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाचन के विधायक और ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्षा की सिफारिशों पर कर दिए गए तबादलों का रदद कर दिया । साथ ही टिप्पणियां भी की। तबादला उदयोग को चलाने के आरोप कांग्रेस विधायकों की ओर से सदन में भी लगते रहे है। अब इस पर पुख्ता जानकारियों एकत्रित की जा रही है ताकि जयराम सरकार को 2022 के चुनावों में बुरी तरह से घेरा जा सके।
धर्माणी ने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर भी प्रदेश में स्थिति अचछी नहीं है। इस बावत भी पूरा लेखा जोखा एकत्रित किया जाएगा और उसे आरोपपत्र में समेट कर राज्यपाल को सौंपा जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने पिछले दिनों आरोप पत्र समिति गठन किया व दस जनपथ के करीबी व पूर्व विधायक राजेश धर्माणी को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। धर्माणी किसी भी मामले में विवादित नहीं रहे है। इसीलिए उन्हें इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है ताकि किसी तरह का विवाद भाजपा की ओर से न उठाया जाए।
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