शिमला/धर्मशाला। जिला कांगड़ा के विधानसभा हलके सुलह से कांग्रेस एमएलए व सीपीएस जगजीवन पाल पिछले दो सालों से अपने इलाके के लोगों के लिए अपनी ही सरकार में निजी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ सिंचाई व पीने के पानी की जंग लड़ रहे हैं । इस जंग में वो पुलिस का पहरा भी बिठा चुके हैं और आईपीएच विभाग से प्रोजेक्ट प्रबंधन को नोटिस भी दिलवा चुके हैं। बावजूद इस सबके वो अपने इलाके के लोगों के लिए सिंचाई के लिए तो दूर पीने के पानी का इंतजाम बामुश्किल करवा पा रहे हैं।
मामला कांगड़ा की न्यूगल नदी पर बने सुभाष हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट कीे ओर से अपने प्रोजेक्ट के लिए खड़े किए गए बांध की वजह से पानी को रोके जाने से जुड़ा हुआ हैं।
ये प्रोजेक्ट तो चल पड़ा है और कमाई भी खूब कर रहा हैं । जगजीवन पाल दावा करते हैं कि आधे सुलह विधानसभा हलके का पानी इस प्रोजेक्ट की वजह से गायब हो गया हैं। रिपोर्टर्स आइ डॉट कॉम से जगजीवन पाल ने कहा कि यहां पर ओम हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट भी लगा है लेकिन इसका पानी यहांं की सदियों पुरानी कृपाल चंद कूहल में गिरता हैं। इसी से डरोह गढ़ व चौकी खलेर मंहजा परियाजनाएं चलती हैं।
लेकिन सुभाष हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के लिए न्यूगल नदी पर इसकी हैड टेल रेस के उपर बांध बना दिया व सारे पानी को जहां से उपरोकत कूहलें व चलती हैं उनसे नीचे, को ले गए हैं। जिससे पीने के पानी व सिंचाई की ये परियोजनाएं ठप हो गई हैैं।इससे पचास हजार की आबादी बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए व इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाना चाहिए। जगजीवन पाल ने कहा कि वह पछिले दो सालों से सरकार व प्रशासन से कई दफा मसले को उठा चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ हैं। आईपीएच विभाग से भी कई दफा नोटिस दिए जा चुके हैं । लेकिन एक दो दिनों तक पानी छोड़ा जाता हैं । फिर वही स्थिति सामने आ जाती हैं।
उन्होंने कहा कि ये मामले उन्होंने प्लानिंग की बैठक में भी उठाया हैं व अतिरिक्त मुख्य सचिव पॉवर व सचिव आइपीएच अनुराधा ठाकुर ने इस मामले की रिपोर्ट मंगवाई हैैं ।
लेकिन बड़ा सवाल हैं यही हैं कि जहां पानी रोकने के लिए बांध बनाया गया उसकी इजाजत किसने दी हैं। क्या इजाजत देने वाले अफसरों के खिलाफ तरुण श्रीधर व अनुराधा ठाकुर कोई कार्रवाई कर पाएंगे।जबकि उनके खुद के कई कारनामों पर उनके साथी व अदालतों में सवाल उठे हुए हैैं। वरिष्ठ आइएएस अफसर दीपक सानन व विनीत चौधरी की कैट में दाखिल याचिका में कई कुछ हैं। उसीतरह पीलिए वाले केस में अनुराधा ठाकुर के खिलाफ अदालत की टिप्पणी गूंज चुकी हैं।
ऐसे में जगजीवन पाल की आवाज उन्हीं की सरकार में अब आखिर साल में सुनी जाएगी ये बड़ा सवाल हैं।
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