शिमला। सिलाई अध्यापिकाओं का पदनाम पुनः नामित करने और उनकी सेवाओं को नियमित करने के लिए नीति तैयार करने के संबंध में एक समिति का गठन किया जाएगा। यह बात आज मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने ओक ओवर में उनसे मिलने पहुंची सिलाई अध्यापिकाओं के एक प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित करते हुए कही। सिलाई अध्यापिकाओं का यह प्रतिनिधिमंडल भारतीय मंजदूर संघ के अध्यक्ष मदन राणा की अध्यक्षता में सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में प्रतिमाह 900 रुपये की बढ़ौतरी किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने पहंुचा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कर्मचारियों, सहित विभिन्न विभागों के पैरा वर्कर्ज के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि पंचायत सचिवों की 20 फीसद सीटें सिलाई अध्यापिकाओं से भरी जाएं और इसकी अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर स्तर पर महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, बेटी है अनमोल, शगुन योजना आदि इस दिशा में शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022- .23 के बजट में पहली बार जेंडर बजटिंग घटक पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर और मिड-डे मील वर्कर के मानदेय में वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिमाह 900 रुपये की वृद्धि के साथ सिलाई अध्यापिकाओं को अब 7950 रुपये प्रतिमाह मानदेय के रूप में मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में कुल 1650 रुपये बढ़ौतरी की गई है। उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में 50 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदारों को अब प्रतिमाह 1500 रुपये अधिक मिलेंगे।
भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष मदन राणा ने श्रमिक वर्ग की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा राज्य का श्रमिक वर्ग, पैरा वर्कर्ज और दिहाड़ीदार उनके मानदेय में ऐतिहासिक वृद्धि करने के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज, भारतीय मजदूर संघ के महासचिव यशपाल, सिलाई अध्यापिका एसोसिएशन की अध्यक्ष सुनीता राणा सहित अन्य उपस्थित थे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि जयराम सरकार के अब सता में में रहने के कुल सवा छह ही महीने बचे है जिनमें वह कुछ कर सकती है। अक्तूबर महीने में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग जाएगी। उसके बाद तो कुछ भी नहीं किया जा सकेगा।
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