नई दिल्ली/ शिमला। आय से अधिक संपति जुटाने के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट की सीबीआई अदालत ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी व पूर्व कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह, उनके पुत्र व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह समेत सभी नौ आरोपियों को सम्मन जारी कर अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जज विनोद कुमार ने मुख्यमंत्री वीरभद्र समेत आरोपियों को 22 मई को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। इस दिन सभी आरोपियों को जमानत लेनी पड़ेगी। अदालत में हाजिर होने के बाद इस मामले मे ट्रायल शुरू हो जाएगा।
आय से अधिक संपति जुटाने के मामले में सीबीआई ने 31 मार्च को सीबीआई कोर्ट में चालान पेश किया था।
सीबीआई ने अपने चालान में वीरभद्र सिंह,उनकी पत्नी, प्रतिभा सिंह,पुत्र विक्रमादित्य सिंह,पुत्री अपराजित सिंह पर आय से अधिक संपति एकत्रित करने का इल्जाम लगाया हैं। सीबीआई ने चालान में कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंहने 2009 से 2012 के बीच केंद्र में स्टील मंत्री रहते करोड़ों की रिश्वत ली और इस पैसे को सफेद करने के लिए पांच करोड़ की एलआईसी कराई। ये एलआईसी उनके एजेंट आनंद चौहान ने की व अपने खाते से पैसा जमा कराया।
याद रहे आनंद चौहान पिछले दस महीनों से जेल में बंद हैं,उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली हैं।
सीबीआई ने 23 सितंबर 2015 को आय से अधिक संपति मामले में वीरभद्र व बाकियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद 26 सिंतबर 2015 को वीरभद्र के आवास हॉलीलाज समेत कई ठिकानों में छापेमारी की थी। जिस दिन छापेमारी हुइ्र थी उसी दिन उनकी बेटी की शादी थी।
मुख्यमंत्री तब से लेकर अब यह दलील देते रहे हैं कि ये सब पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,उनके बेटों अनुराग ठाकुर व अरुण धूमल के अलावा मोदी सरकार में वित मंत्री अरुण जेटली की साजिश का नतीजा है।
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