शिमला। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद डीजीपी पद से प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आइपीएस अफसर संजय कुंडू को ह्रटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार ने कुंडू को हटाया नहीं है बल्कि उन्हें पदोन्नत किया है। लोग सुक्खू के इन बोलों के मजे लेने लगे हैं। लोगों कह रहे है कि ये ‘सुक्खू भाई का नए साल का शटराला हैं’ । इससे पहले उन्होंने नए साल की पूर्व संध्या पर कहा था कि अगर सैलानी झूमता मिले तो उसे हवालात नहीं भेजना है उसे होटल पहुंचाना हैं। उनके शरारती दोस्तों का कहना है कि ये ‘यह सुक्खू भाई का पिछले साल का शटराला था’।
याद रहे कि सुक्खू सरकार ने डीजीी कुंडू को दो जनवरी को डीजीपनी के पद से हटाकर प्रधान सचिव आयुष लगा दिया था। मुख्यमंत्री के इन बोलों पर सचिवालय के बाबू बोले कि जब सीएम साहब ने बोल दिया है तो उनके बाद हम क्या बोल सकते हैं।
अगर कुंडू को पदोन्नत किया होता तो तमाम अफसरान उन्हें गुलदस्ते लेकर जाते और बधाई देते । कुंडू खुद सीएम के पास आते व पदोन्न्त करने पर आभार जताते लेकिन ऐसा कहीं कुछ नहीं हुआ । ऐसे में सचिवालय में कहते है कि ये शटराला ही हैं।
बहरहाल व्यंग्य जो भी किया जाए वह अलग मसला हैं लेकिन मुख्यमंत्री का यह कहना की सरकार ने उन्हें पदोन्न्त किया है, कई सवाल खड़े कर देता हैं। कुंडू के खिलाफ किसी और ने नहीं शिमला एसपी की स्टेटस रपट पर हाईकोर्ट ने हटाने के आदेश दिए थे। इस आदेश से पहले हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को स्टेटस रपट का अध्ययन करने का आग्रह किया था व सरकार से निर्देश लेने के लिए कहा था। इसका जिक्र हाईकोर्ट के आदेश में हैं।
लेकिन सुक्खू सरकार ने इस रपट को अदालत में खारिज नहीं किया। प्रदेश के गृह मंत्री खुद सुक्खू हैं। पूरा गृह विभाग यानी पुलिस महकमा उनके अधीन हैं। एसपी की रपट को गृह सचिव ने अदालत में नकारा नहीं । वह इस मामले में पार्टी थे। यानी ये रपट सरकार की रपट हैं। सुक्खू गृहमंत्री है तो यह रपट उनकी सरकार की रपट थीं। इसी के बाद अदालत ने कहा था कि सरकार ने इस मामले को लेकर पूरी तरह से आंखें फेर ली हैं और अदालत सरकार को आदेश देती है कि कुंडू को डीजीपी के पद से हटाकर कहीं और तैनात किया जाए जहां से वह जांच को प्रभावित न कर सके।ऐसे में यह कहना है कि डीजीपी कुंडू को सरकार ने पदोन्नत किया है साफ करता है मुख्यमंत्री जनता के बीच कुछ और कह रहे है और अदालत में उनकी सरकार कुछ और कह रही हैं।
यह अजीब स्थिति पैदा हो गई हैं। किसी भी सरकार के लिए ये स्थिति खतरनाक हैं।
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