शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय केंद्रीय विज्ञान व प्रौदयोगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर राज्य के हकों की आवाज बुलंद की। य आवाज पिछले पांच सालों में जयराम सरकार के कार्याकाल में दिलली के दरबार में कम ही गूंजती थी। कम से कम सार्वजनिक तो कुछ होता ही नहीं था। बेशक प्रदेश व केंद्र में डब्बल इंजन की सरकार थी।लेकिन सुक्खू ने पिछले पांच साल से चली आ रही परंपरा को आज तोड दिया हैं।
पिछले पांच सालों में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उनके मंत्री और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर यही कहते रहते थे कि केंद्र सरकार प्रदेश को बिना मांगे ही सब कुछ दे रही हैं। लेकिन केंद्र सरकार बाकी राज्यों से हट कर इस पहाडी राज्य को क्या देती रही इसका कोई लेखा-जोखा कभी सामने नहीं आया।
सुक्खू ने प्रधानमंत्री मोदी से प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकास परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए केद्र से उदारतापूर्वक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण करने के बाद ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रधानमंत्री से यह पहली भेंट थी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को केद्र सरकार द्वारा आधारभूत संरचना को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना तथा रज्जू मार्ग के निर्माण के लिए पर्वतमाला योजना को प्रदेश में सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं से प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के अलावा सम्पर्क और अधोसंरचना विकास वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को हिमाचली शॉल, टोपी तथा स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री ने ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं दी और प्रदेश को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
प्रधानमंत्री व केंद्र के बाकी मंत्रियों से राज्य के हको के लिए आवाज बुलंद करना सुक्खू सरकार के लिए राजनीतिक ही नहीं रणनीतिक तौर पर भी फायदे में रखेगा।
प्रधानमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की उनसे भी डनहोंने राज्य के हकों की कोई बात उठाई इस बावत सरकार की ओर से कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया गया हैं लेकिन
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर उन्होंने उन्हें बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के किसी एक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग स्थापित करने पर विचार कर रही है ताकि कैंसर रोगियों को प्रदेश में ही रेडिएशन थैरेपी का उपचार प्रदान कर उनके समय और संसाधनों की बचत की जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने पर विशेष बल दिया जाना समय की मांग है और उन्होंने इसके लिए केंद्र से तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य के बागवानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए अनुकूलन ओरिन्टेशन कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही नई तकनीकों से परिचित करवाने में सहयोग का भी आग्रह किया जिससे उन्हें नवोन्वेषी तकनीकों से भलीभांति अवगत करवाया जा सकेगा। उन्होंने नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से किसानों और बागवानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का भी आग्रह कियाए जिससे किसानों और बागवानों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारने में सहायता मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने आरोमा मिशन के तहत लैवेंडर की खेती के लिए चम्बा जिला को शामिल करने और लैवेंडर के उत्पादन के लिए किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया।
प्राकृतिक आपदाओं के प्रति प्रदेश की संवेदनशीलता के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने भूकम्पीय क्षेत्रों कांगड़ा और हमीरपुर में एक उच्च स्तरीय अत्याधुनिक भूकम्पीय प्रयोगशाला एवं डॉटा विश्लेषण केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया।
उन्होंने जितेंद्र सिंह को अवगत करवाया कि हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्याधिक संवेदनशील राज्य है। ऐसे में दो जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल-स्पीति में डॉपलर राडार स्थापित करने के अलावा हमीरपुर, चंबा, नालागढ़, केलांग और काजा क्षेत्रों में मौसम वेधशालाएं या वेदर ऑबजरवेटरीजस्थापित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया, विश्लेषण और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए हमीरपुर जिला में डॉटा सेंटर स्थापित करना अति आवश्यक है। इससे न केवल बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित किया जा सकेगा अपितु राज्य के किसानों एवं बागवानों को मौसम सम्बंधी सटीक जानकारी समय पर उपलब्ध हो सकेगी।
सिंह ने हिमालयी पारिस्थितिकी के प्रति मुख्यमंत्री की चिंता और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनकी गहरी रुचि की सराहना करते हुए उन्होंने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
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