शिमला।पुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायज़ादा ने बीते राजे शुक्रवार को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थित में अपना नामांकन दाखिल किया व उसके बाद हमीरपुर पुलिस लाइन ग्राउंड में एक विशाल जनसभा में मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री ताबड़तोड़ हमले हुए करते हुए कहा कि सुजानपुर का बिकाऊ विधायक 2014 में कांग्रेस में आया।
वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का ड्राइवर रहा और उनकी पीठ में छुरा घोंप कर विधायक बना। धूमल को चुनाव हराने का उनका मक़सद सिर्फ पैसा कमाना था। उसकी सर्व हितकल्याणकारी संस्था को बद्दी से पैसा पहुँचता है जिससे वह पूर्व सैनिकों को सम्मानित करता है। अपनी जेब से एक पैसा लगाकर किसी को भी राजेंद्र राणा ने आज तक सम्मानित नहीं किया।
सुक्खू ने इस चुनावी सभा में राणा को बुरी तरह से निशाने पर लिया। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके लाडले मोदी सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर को लेकर कुछ नहीं बोला। धूमल परिवार जो राजेंद्र राणा के खिलाफ नहीं बोल सकता था वो सब सुक्खू ने जनसभा में बोल डाला। राजेंद्र राणा की संस्था को बददी से पैससे पहुंचने का इल्जाम उन्होंने लगाया जरूर पर न तो आज तक उनकी पुलिस ने इस बावत कोई मामला दर्ज कर रखा है और न ही उन्होंने कोई सबूत पेश किया।
सुक्खू ने धूमल परिवार के दूसरे बड़े राजनीतिक दुश्मन नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर हमीरपुर जिला की अनदेखी का आरोप लगाया व दावा किया कि पिछली भाजपा सरकार में हमीरपुर जिला से जानबूझकर कर एक भी मंत्री नहीं बनाया गया। जिस जिला को मुख्यमंत्री के साथ-साथ मंत्री पद मिलता था उस जिला को पिछली सरकार में कोई जगह नहीं दी गई। उन्होंने पूछा कि जयराम ठाकुर ने पांच साल में हमीरपुर जिला के लिए क्या किया। पंद्रह साल पहले मुख्यमंत्री रहते प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर में बस अड्डे का शिलान्यास किया था और जयराम ठाकुर ने बस अड्डा बनाने के लिए एक पैसा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री का पद सँभालते ही युद्ध स्तर पर बस अड्डा बनाने का काम शुरू हो गया है जो आने वाले नौ महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही गांधी चौक की तारों को अंडरग्राउंड करने का काम भी शुरू हो गया है।
याद रहे जयराम व राणा ने हालीलाज कांग्रेस से मिलकर धूमल परिवार को जीना हराम किया हुआ था। इस बार अनुराग ठाकुर को ठिकाने लगाने का कुछ लोगों का मंसूबा तो है लेकिन जिस तरह से सुक्खू धूमल परिवार को लेकर राजनीति कर रहे है उससे लगता नहीं कि अनुराग ठाकुर को कोई नुकसान पहुंचा पाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने हमीरपुर के आज़ाद विधायक आशीष चौहान को लेकर कहा कि उसने चौदह महीने में 100 करोड़ रुपए के टेंडर लिए। उन्होंने डटकर खड्डों में खनन किया और संपदा को लूटने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि बड़सर के विधायक भी 15 करोड़ रुपए में बिके हैं और उनके ख़िलाफ़ जांच हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुटलैहड़ का विधायक ने भी भाजपा की राजनीतिक मंडी में अपना सौदा किया है। वह ठेके लेने और एक्सईएन को फ़ोन कराने मेरे पास आते थे और जनता का कोई मुद्दा उन्होंने कभी नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि गगरेट में मेडिकल शॉप, पेट्रोल पंप, दुकानों और क्रशरों पर चैतन्य टैक्स लगा दिया गया था। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं जब तक मुख्यमंत्री के पद पर रहूँगा भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं करूँगा। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण चुनाव नहीं है क्योंकि आपका वोट तय करेगा धनबल की जीत होगी या जनबल की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दागी प्रदेश की जनता को बताएँ कि वह एक महीने तक प्रदेश से बाहर क्यों रहे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए सौदेबाज़ी चल रही थी ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लिया जा सके।
इस मौके पर सुक्खू ने धूमल परिवार पर टिछपुट हमले किए। साफ है कि सुक्खू व धूमल परिवार की राजनीति में पुरानी यारी अभी भी बरकरार हैं। अब देखना ये है कि धूमल परिवार हमीरपुर की दोनों विधानसभ सीटें सुक्खू की झोली में डालकर सुक्खू की कितनी मदद कर पाते हैं। इसी तरह की मदद एक बार वीरभद्र सिंह ने रोहड़ू में भाजपा के खुशीराम बालनाटहा को जीता कर की थी।
याद रहे धूमल परिवार व सुक्खू के बीच पुरानी पक्की यारी है। चुकि दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निशाने पर रहे थे तो इन यारी जमी भी खूब। विधानसभााचुनावों के बाद अब सीएम सुक्खू एक बार फिर खतरे में है लेकिन इस बार अनुराग ठाकुर का भी बहुत कुछ दांव पर लगा हैं। ऐसे में क्यास लगाए जा रहे है कि इस बार धूमल परिवार व सुक्खु मिलकर हालीलाज कांग्रेस व जयराम -नडडा भाजपा को एकसाथ ठिकाने लगाने की सियासत का ब्लू प्रिंट लागू करने जा रहे हैं। अब तक तो इसी ब्लू प्रिंट के हिसाब से सियासत हो रही है बाकी आगे इंतजार रहेगा।
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