शिमला।अर्की के पूर्व एसडीएम व चर्चित एचएएस अधिकारी विकास शुक्ला और अर्की नगर पंचायत के हाल ही बने अध्यक्ष अनुज गुप्ता के खिलाफ दर्ज एफआइआर मामले में अर्की के मौजूदा एसडीएम यादविंदर पाल की रपट में क्लीन चिट दे दी गई हैं।
मौजूदा एमडीएम पाल की यह रपट इन दोनों के लिए राहत देने वाली हो सकती है बशर्तें शिकायत कर्ता की ओर से कुछ अलग तथ्य सामने लाए जाएं। इसके अलावा अर्की पुलिस अपनी तफतीश में क्या सामने लाती है इसका भी इंतजार हैं।
अनुज गुप्ता के नगर पंचायत अर्की का पार्षद बनने से नामांकन के दौरान जो चुनाव अधिकारी के पास नामांकन के साथ हल्फनामा दिया था उसमें उन्होंने लिखा था कि उनके नाम सरकार की कोई देनदारी नहीं हैं। इस बावत तत्कालीन एसडीएम व अर्कीनगर पंचायत के सचिव विकास शुक्ला ने भी नो डयूज प्रमाणपत्र दे दिया था। यह यह गौर करने योग्य है अगर अनुज गुप्ता के सरकार की कोई देनदारी लंबित हो पाती तो वह चुनाव नहीं लड़ पाते।
लेकिन बाद में शिकायत कर्ता रमेश सोनी ने आरटीआइ के जरिए जानकारी ली व पाया कि अनुज गुप्ता ने चुनाव के बाद 52 हजार से ज्यादा का कर नगर पंचायत को अदा किया हैं।
इसके बाद सोनी ने जगह –जगह शिकायत की जब कहीं से कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने अर्की की अदालत में 156/3 के तहत अर्जी दाखिल कर दी और अदालत ने इस मामले में अर्की पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए। अर्की पुलिस ने मामला दर्ज कर भी लिया।
इसके अनुज गुप्ता को अर्की नगर पंचायत का अध्यक्ष भी चुन लिया गया व शपथ समारोह के मौके पर अर्की के विधायक व सीपीएस संजय अवस्थी, डीएसपी दाड़ला संदीप कुमार के अलावा बाकी लोग भी मौजूद रहे।
इस बीचअर्की के मौजूदा एसडीएम की एक रपट सामने आई हैं जिसमें कहा गया है कि जिस कर का भुगतान अनुज गुप्ता ने चुनाव के बाद किया है उसका बिल नगर पंचायत ने बाद में ही भेजा था। ऐसे में अनुज गुप्ता तब ही कर अदा करेंगे जब उनके पास बिल पहुंचेगा। ऐसे में उनके नाम पर नामांकन व चुनाव के दिन को देनदारी नहीं थी।
यह रपट पूर्व एसडीएम शुक्ला व अनुज दोनों को सहारा देने वाली बताई जा रही हैं। अब देखना है कि इस दिलचस्प मामले में आगे क्या होता हैं।
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