चंडीगढ़/शिमला।लाडले लेकिन जूनियर आईएएस अफसर वी सी फारका को चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी पर बिठा देने के बाद सीनियर आईएएस अफसर दीपक सानन और विनीत चौधरी को असमंजस की स्थिति में पहुंचा देने वाली मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह की सरकार को केंद्रीय ट्रिब्यूनल प्राधिकरण ने इन दोनों अफसरों को 27 जनवरी तक नई पोस्टिंग देने के आदेश दिए हैं । कैट ने 27 तारीख को वीरभद्र सरकार से आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट तलब की हैं।
1982 बैच के वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक सानन व विनीत चौधरी के O.A./63/124/2016 की सुनवाई करते हुए कैट के न्यायिक सदस्य जस्टिस एम एस सुल्लर और सदस्य प्रशासनिक राजवंत संधू ने ये आर्डर दिए। राजवंत संधू कैट की सदस्य बनने से पहले पूर्व की धूमल सरकार में हिमाचल की चीफ सेक्रेटरी रह चुकी हैं।
कैट ने अपने आदेश में कहा है कि इन दोनों को चीफ सेक्रेटरी फारका से स्वतंत्र पोस्टिंग दी जाए ।येे दोनों अफसर फारका के अधीन काम नहीं करेंगे। अगली सुनवाई 27 जनवरी को निर्धारित की गई हैं।
कैट के आदेश ने छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह की प्रशाासनिक करामातों की पोल खोल कर रख दी हैं। सचिवालय के बड़े बाबू बताते हैं कि चहेते अफसरों की खातिर किसी के भी केरियर से खेल जाना वीरभद्र का पुराना शगल रहा हैं। वी सी फारका को चीफ सेकेटरी बनाने केे लिए दीपक सानन,विनीत चाौधरी और उपमा चौधरी को दरकिनार कर दिया था। जबकि अजय मित्तल केंद्र में चले गए थे।
वरिष्ठता को दरकिनार कर फारका को चीफ सेक्रेटरी नियुक्त करने पर दीपक सानन, विनीत चौधरी और उपमा चौधरी ने फारका को रिपोर्ट करने से इंकार दिया था । इन अफसरों की दलील थी कि फारका उनसे जूनियर अफसर है व वो उनके अंडर काम कैसे कर सकते हैं। तीनों छुटटी पर चलेे गए। बाद में उपमा चौधरी की केंद्र में डेपुटेशन पर नियुक्ति मिल गई । लेकिन सानन व चौधरी बच गए। ऐसे में दोनों ने कैट का दरवाजा खटखटाया व वहां से दोनों को राहत मिली हैं।
मुख्यमंत्री के लाडले फारका को चीफ सेक्रेटरी बनाने में अतिरिक्त मुख्य सचिव पसर्नल तरुण श्रीधर ने जो फाइल मूव की उसमें कांड कर दिया व फाइल पर लिखा कि जितने भी एसीएस हैं वो 80 हजार के स्केल पर हैं व इनमें सेे किसी को भी चीफ सेक्रेटरी बनाया जा सकता हैं। मुख्यमंत्री ने पांचवे छठे नंबर पर वी सी फारका को हरी झंडी दे दी।
इसके बाद वरिष्ठ अफसरों में हलचल मच गई व उम्मीद की जाने लगी कि छह बार के मुख्यमंत्री उन्हें फारका से स्वतंत्र कोई और पोस्टिंग देंगे। लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा पनहीं किया लेकिन अब कैट का फैसला आ गया हैं।
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को जमीन आवंटित करने केे मामले में आरोपी दीपक सानन इसी महीने के आखिर में रिटायर हो रहे हैं ।ऐसे में असली राहत केवल विनीत चौधरी को मिली है जो फारका से पहले कार्यकारी चीफ सेक्रेटरी रह चुके हैं।
हालांकि कायदे से मुख्यमंत्री वीरभद्र को इन अफसरों को पहले ही ये पोस्टिंग दे देनी चाहिए थी। लेकिन बतातेे है कि इनअफसरों ने मुख्यमंत्री के आगे दंडवत होने से इंकार कर दिया व अदालत का दरवाजा खटखटा दिया।बड़े बाबू बताते है कि वीरभद्र के दरबार में दडंवत होने वालों को रेवडि़यों की तरह खैरातें मिलती हैं । अगर सानन व चौधरी दंपति भी दडंवत हो जाते तो शायद उन्हेंं कहीं और एडजेस्ट कर लिया जाता।
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