शिमला।चंबा के चुराह से भाजपा विधायक हंसराज बेशक पॉक्सो एक्ट की ज़द में आ चुके है लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राज में इतने दिनों तक पुलिस इस भाजपा विधायक को छू तक नहीं पा रही है।
आलम ये रहा कि भाजपा विधायक हंसराज को गिरफतार करना तो दूर उसे अभी तक पुलिस पूछताछ तक शुरू नहीं हो पायी है। चंबा पुलिस के मुताबिक हंसराज को सोमवार को पुलिस पूछताछ के लिए तलब किया गया है लेकिन पुलिस का संदेशा उन तक पहुंचा है या नहीं ये अभी तक साफ नहीं हैं।
बहरहाल, पुलिस को बीते रोज हंसराज के घर भेजा गया था लेकिन वो घर पर नहीं मिले। एएसपी चंबा हितेश लखनपाल ने reporterseye.com से कहा कि पुलिस जांच कर रही है। हंसराज को कल यानी सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
पुलिस ने चुराह की महिला के एक वीडियो के वायरल होने के बाद उक्त महिला के पिता की शिकायत पर भाजपा विधायक हंसराज व उनके निजी सहायक लेखराज, मुनीयान खान व बाकियों के खिलाफ छह नवंबर को बीएनएस की धारा 140(3),115(2)351(2),324(4)और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद उक्त महिला ने खुद भी पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी जिसपर पुलिस ने हंसराज पर पोक्सो यानी नाबालिग युवती के यौन शोषण की धारा भी शामिल कर रखी है।
ये सब कुछ तो कर दिया लेकिन अभी तक भाजपा विधायक पुलिस की गिरफत से बाहर है। जिस पर हैरानी जताई जा रही है।
यौन शोषण की शिकायतें जिला सोलन में भी सामने आई थी जिसमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल के भाई और पूर्व भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप के पुत्र पर अलग -अलग मामले बने थे लेकिन सोलन पुलिस ने बिंदल के भाई को गिरफतार करने में कोई देरी नहीं की थी।लेकिन भाजपा विधायक के मामले में एफआइआर दर्ज हुए चार दिन हो चुके है।एएसपी चंबा लखनपाल ने कहा कि तमाम तरह की प्रक्रियाएं चल रही है।
याद रहे इस मामले में महिला का वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद महिला आयोग ने संज्ञान ले लिया था व एसपी चंबा से रपट तलब कर ली थी। लेकिन इस बीच सुक्खू सरकार ने चंबा के एसपी का तबादला कर दिया।
इस बीच हंसराज ने भी एक वीडियो जारी कर इसे चंबा के चुराह में सांप्रदायिक माहौल खराब करने की साजिश करार देकर सनसनी फैला दी थी।लेकिन इस बावत आज तक भी मुख्यमंत्री सुक्खू जिनके पास गृह महकमा भी है,से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और कार्यकारी डीजीपी अशोक तिवारी ने जुबान नहीं खोली है कि कहीं कोई सांप्रदायिक माहौल खराब करने का अंदेशा सच में है या हंसराज ने यूं ही गुमराह करने के लिए ये सब उगल दिया हो।
याद रहे पिछले एक साल में जबसे ये विवाद सामने आया है तब से हंसराज को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सचिवालय और ओकओवर में कई बार मिलते देखा जा चुका है।
अब देखना ये है कि भाजपा विधायक हंसराज जमानत लेने में कामयाब हो जाते है या सुक्खू राज में वो गिरफतार कर लिए जाते है।
उधर,हंसराज को लेकर भाजपा में भी कई मत सामने आ रहे है। जयराम गुट अंदरूनी तौर पर चाहता है कि हंसराज को गिरफतार कर उनके खिलाफ कार्यवाही हो और चुराह से अगली बार किसी और टिकट दिया जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से हंसराज के खिलाफ कार्यवाही की मांग करना इस कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। जबकि दूसरा गुट इस तरह की कार्यवाही के विरोध में है।याद रहे हंसराज भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल खेमे से है और धूमल और सुक्खू में पुरानी यारी पूरे प्रदेश की जनता के जेहन में है।
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