शिमला। बिना पर्ची और लाइसेंस के 49 प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां रखने के आरोप में जिला सत्र न्यायाधीश सोलन अरविन मल्होत्रा ने कंडाघाट के ममलीग में मैसर्स बंगाली क्लिनिक चलाने वाले कुमारेश आध्या को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27(बी)(ii) और 28 के तहत अपराध करने का दोषी ठहराया हैं। कुमारेश आध्या मूल रूप से पश्चिमी बंगाल के ढाका पाढ़ा का रहने वाला हैं।
अदालत ने दोषी को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27(बी)(ii) के तहत अपराध करने के लिए 3 महीने के साधारण कारावास और 5,000 का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। उसे अधिनियम की धारा 28 के तहत 3 महीने के साधारण कारावास की सजा भी सुनाई गई है। जिला अटॉर्नी संजय पंडित ने बताया कि आरोपी उपरोक्त अपराध के लिए गांव ममलीग में बंगाली क्लिनिक के नाम से क्लिनिक चला रहा था ।
इस बावत शिकायतकर्ता ड्रग इंस्पेक्टर को आम जनता से 26 जुलाई 2011 को शिकायत प्राप्त हुई थी, ड्रग इंस्पेक्टर ने अन्य अधिकारियों के साथ आरोपी के क्लिनिक में छापा मारा और उपरोक्त एलोपैथिक दवाइयां बरामद कीं।
ड्रग इंस्पेक्टर ने संबंधित गवाहों की उपस्थिति में आरोपी के क्लिनिक में अपेक्षित कार्यवाही की और उसके बाद उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की। अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर आरोपी को उपरोक्त अपराध करने के लिए दोषी ठहराया व दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
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