शिमला।पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्य मौत मामले में पैन ड्राइव छिपाने वाले एएसआइ पंकज शर्मा की जमानत फैसले में नया खुलासा सामने आया है।
अरसे से न्यायिक हिरासत में रह रहे एएसआइ पंकज शर्मा की प्रदेश हाईकोर्ट ने आज नियमित जमानत दे दी है। आरोपी पंकज को न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की एकल पीठ ने जमानत दी।
जमानत आदेश में जिक्र आया है कि सीबीआइ ने अदालत को बताया था कि पुलिस रिमांड के दौरान पंकज नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए राजी हो गया था। लेकिन जब उसे अदालत में पेश किया गया तो वो मुकर गया।
याद रहे कि अगर किसी आरोपी का नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराना हो तो उसके लिए उसकी मंजूरी जरूरी होती है।
पंकज की जमानत का विरोध करते हुए सीबीआइ ने ये कहा था अदालत में-:
It is the further case of the CBI that the applicant has never co-operated in the investigation,as he has changed his version, from time to time,during investigation of this case. Highlighting this fact,it has been pleaded by the CBI that the applicant was
 initially ready for the Polygraph and NarcoTest, during his examination at New Delhi and submitted his willingness, in this regard, but when, produced before the learned trial Court, he has denied the same. Not only this, it has also been pleaded that the applicant is misleading in order to delay the investigation.
In addition to this, a plea has been taken by the CBI that further police custody of the applicant is required in order to confront him, after analysis of remaining data,contained in digital/electronic devices,collected during investigation and other additional evidences, surfaced out during investigation.
Highlighting the seriousness of the offence,it has been pleaded that the applicant has been named as accused in a serious offence, as such, he is not entitled for bail.
सीबीआइ ने इसके अलावा ये भी कहा था कि पंकज अपना पक्ष या बयान बार-बार बदल रहा है। वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
अदालत ने सीबीआइ की इन तमाम दलीलों को दरकिनार कर पंकज को नियमित जमानत दे दी है।
पंकज को जमानत मिलने के बाद अब सीबीआइ का अगला कदम क्या होगा ये बेहद महत्वपूर्ण है। इस मामले में असल आरोपी तो पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी आइएएस हरिकेष मीणा और तत्कालीन निदेशक इलेक्ट्रिक्ल देसराज है।
देसराज को सुप्रीम कोर्ट से व हरिकेष मीणा को प्रदेश हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है। इस मामले में पंकज तो विमल नेगी की लाश मिलने के बाद सामने आए है।
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या मीणा और देसराज इस मामले में अपना नारको व पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को राजी हो जाएंगे या वो भी इंकार कर देंगे। सीबीआइ को अगर इस मामले में किसी नतीजे पर पहुंचना है तो उसे इन दोनों का रिमांड लेना जरूरी है। तभी उनसे कुछ उगलाया जा सकता है।
उधर, ये भी कहा जा रहा है कि इस मामले में सीबीआइ के राडार पर जो अफसर व दूसरे लोग है उनका कोई रिश्तेदार सीबीआइ में बड़े ओहदे पर रहा है। हालांकि इस बावत आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही है।
ये भी पढ़े-:
दिवंगत विमल नेगी के बांए पॉकेट में क्या था अभी भी रहस्य,CBI जांच में Mobile पर मौन
विमल नेगी मामला: आरोपी देश राज की अंतरिम जमानत जारी,अब CBI और किरण नेगी भी पार्टी
(49)

 
 




