शिमला। पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले में सीबीआइ ने करीब पांच महीने बाद ही सही शिमला पुलिस के एएसआइ पंकज को अरेस्ट कर लिया है। पंकज के अरेस्ट होने के बाद अब इस मामले में बड़ी हलचल होने के आसार हो गए हैं।
इस अरेस्ट के बाद कम से कम ये पर्दा तो उठ ही जाएगा कि पंकज ने पैन ड्राइव को फार्मेट क्यों किया था। अब सबकी नजरें सीबीआइ के अगले कदम पर है कि वो अब आगे किसको दबोचती हैं।
बहरहाल,सीबीआइ के इस कदम से विमल नेगी की मौत के पीछे के कई रहस्य उजागर होने की संभावना बढ़ी हैं। शुरू से ही कहा जा रहा था कि अगर सीबीआइ ने पंकज को दबोच लिया तो इस मामले के तमाम परतें सामने आ जाएंगी।
इस मामले में अभी तक आरोपी बनाए गए निदेशक खेल हरिकेश मीणा और बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर देशराज हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर चले हुए हैं। सीबीआइ अभी तक इनकी जमानत को खारिज करवाने में नाकाम रही थी और वो इस मामले में महत्वपूर्ण कड़ी एएसआइ पंकज को भी अरेस्ट नहीं कर पा रही थी।
उल्टे पंकज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस लाइन में अपनी नजरबंदी जैसी स्थिति को अपनी पत्नी के जरिए चुनौती दी थी व हाईकोर्ट से उसे राहत मिली भी ।
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक पंकज को आज अरेस्ट कर लिया गया है।
ये एएसआइ पंकज हीथे जिन्होंने विमल नेगी के पैन ड्राइव को अपने पास छिपा लिया था व शिमला एसपी की ओर से गठित एसआइटी ने बाद में इसे पंकज से बरामद किया था।
तभी से पंकज संदेह के घेरे में आ गए थे कि उसने पैन ड्राइव अपने पास क्यों रखा । अब समझा जा रहा है कि विमल नेगी के मोबाइल को लेकर भी कुछ खुलासा हो सकता था।
पहले विमल नेगी के वकीलों ने मीडिया से दावा किया था कि विमल नेगी का मोबाइल मिल गया है और उसे एसएफएल जुन्गा भेज दिया है। वकीलों ने ये दावा हाईकोर्ट में सरकार के वकीलों की ओर से मौखिक तौर पर किए दावे के आधार पर किया था। लेकिन बाद में पता चला कि सरकार के वकीलों ने पैन ड्राइव की बात की थी लेकिन गलती से उनके मुंह से मोबाइल निकल गया था।
विमल नेगी का मोबाइल आज तक भी नहीं मिला है जबकि नेगी के परिजनों का दावा है कि जब विमल नेगी की बॉडी को निकाला गया और जो तस्वीरें ली गई थी उनमें कपडों में नेगी के मोबाइल के निशान साफ नजर आ रहे है।
याद रहे पावर कारपारेशन में तैनात चीफ इंजीनियर विमल नेगी दस मार्च को शिमला से लापता हो गए थे। बाद में 18 मार्च को उनकी लाश को शहतलाई के समीप दरिया से निकाला गया था।
उस दौरान एएसआइ पंकज भी लाश के पास गया था और उसने पैन ड्राइव अपने पास रख लिया था। तभी से वो संदेह के घेरे में था। अब तक न तो शिमला पुलिस की तत्कालीन एसआइटी और न ही सीबीआइ ही ये खुलासा कर पाई है कि आखिर पंकज ने ये पैन ड्राइव क्यों अपने पास रखी थी।
क्या पैन ड्राइव ही अपने पास रखा था या और कुछ भी उसके पास है। समझा जा रहा है कि संभवत: पंकज के अरेस्ट के बाद अब इस रहस्य से पर्दा उठ पाएगा।इसके अलावा पकंज वहां क्यों गया था व किसके आदेश पर गया था ये भी अभी तक साफ नहीं हुआ है।
इस मामले में अब तक कहा जा रहा है कि विमल नेगी पर गलत काम कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था ।वो दस मार्च को शिमला से बिलासपुर की ओर से टैक्सी में निकला। वो किससे मिलने निकला था ये भी अभी तक एजेसिंयों की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया हैं।
अब समझा जा रहा है कि पंकज के अरेस्ट के बाद कई खुलासे होने वाले है।
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