शिमला। अर्की भाजपा के बगावती तेवरों के बीच प्रदेश भाजपा ने अर्की विधानसभा उप चुनावों के लिए पार्टी की ओर से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजीव बिंदल को प्रभारी बनाने के बाद अर्की भााजपा में एका होने की संभावना को लेकर संशय पैदा हो गया है। पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने बीते रोज ही बिंदल को अर्की विधानसभा के उपचुनाव के लिए पार्टी की ओर से प्रभारी बनाया था। उनके अलावा कसौली से विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल और पार्टी के महासचिव तिरलोक जम्वाल को भी अर्की विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी दी गई है। अर्की से भाजपा से टिकट किसे दिया जाएगा यह अभी तय नहीं हुआ है।
अर्की भाजपा में बगावत जोरों पर है। यहां से दो बार विधायक रहे गोविंद राम शर्मा और उनके साथी बगावत कर चुके है। गोबिंद राम शर्मा और बिंदल के बीच छतीस का आंकड़ा है। ऐसे में अर्की में भाजपा की नैया कैसे पार होगी इसे लेकर संशय पैदा हो गया है। हांलांकि सैजल और बिंदल के बीच भी ज्यादा तालमेह नहीं है। इसी तालमेल की कमी के कारण भाजपा सोलन नगर निगम के चुनाव हार गई गई थी। बिंदल सोलन नगर निगम के चुनावों में भी पार्टी की ओर से प्रभारी थे। इससे पहले बिंदल को जुब्बल कोटखाई के उपचुनाव के लिए बनी समिति का समन्वयक भी बनाया जा चुका है।
बिदंल का गोंबिद राम शर्मा से तो छतीस का आंकड़ा है लेकिन कुनिहार से पूर्व मंत्री हरिदास ठाकुर के पुत्र राजेंद्र ठाकुर के साथ बिंदल का अच्छा तालमेल है। ठाकुर के साथ गोबिंद राम शर्मा का भी ठीक तालमेल है ।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेहद करीब ठाकुर अर्की विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी बनने क लिए दावेदारी पेश कर रहे है। हालांकि वह अभी हालीलाज कांग्रेस से पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह का नाम आगे किए हुए है। लेकिन अगर प्रतिभा सिंह ने अर्की से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया तो समझा जा रहा है कि वह ठाकुर का नाम आगे करेंगी।
उधर,बीते रोज भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना हालीलाज गए हुए थे। वह प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह से मिले व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इसके बाद शाम को खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ भाजपा के उपाध्यक्ष सौदान सिंह ने बैठक ली। इस बैठक में क्या हुआ इस बावत भाजपा ने सब कुछ गुप्त रखा है। हालांकि भाजपा की ओर से प्रचार के मामले में कभी पीछे नहीं रहा जाता है।समझा जा रहा है कि इस बैठक में अर्की समेत चारों हलकों के उपचुनावों को लेकर बातचीत हुई है और संभवत: हालीलाज को लेकर भी रणनीति बनी होगी।
चूंकी अर्की से हालीलाज कांग्रेस का नाम जुड़ा हुआ है ऐसे में अर्की में भाजपा ज्यादा उग्र प्रचार भी नहीं कर सकती वह तभी उग्र होंगगी अगर अर्की से हालीलाज का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं उतरता है।
कांग्रेस में अर्की से संजय अवस्थी का नाम आगे है। वह पहले भी चुनाव में खड़े हो चुके है व आलाकमान से उन्होंने एक अरसे से नाता जोड़ा हुआ है।लेकिन उनकी हालीलाज कांग्रेस से ज्यादा नजदीकियां नहीं रही थी। इन तमाम समीकरणों के बीच अब भाजपा की ओर से अर्की में क्या रणनीति अपनाई जाएगी यह देखा जाना है। बिंदल क्या भाजपा में एका कर पाएंगे या पार्टी में विद्रोह बढ़ेगा। अर्की में धूमल का खेमा भी सशक्त है। क्या पार्टी धूमल से कोई भूमिका निभाने देने देगी या उन्हें अब से पहले के चुनावों की तरह चुनावों से बाहर ही रखेगी।
उधर, अर्की उप चुनाव के लिए पार्टी की ओर से प्रभारी बनाए गए राजीव बिंदल ने कहा कि वह अभी दिल्ली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में है। वह प्रदेश लौटेंगे व पार्टी के पददाधिकारियों व स्थानीय नेताओं से मिलकर रणनीति तैयार करेंगे।
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