शिमला। कई घंटे चली वीरभद्र सिंह केबिनेट की बैठक में बेहद विवादास्पद फैसला लेते हुए480-480 मैगावाट जंगी थोपन और जंगी पोवारी परियोजनाओं के लिए मै. अदानी पावर लिमिटेड को अपफ्रंट प्रीमियम वापिस देने का फैसला लिया गया है। ब्याज समेत ये राशि करीब पांच सौ करोड़ रुपए के करीब बनती है।इस विवादास्पद फैसले को लेकर अब बाहर कई लोग हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटकाने जा रहे है। अदानी मोदी सरकार का सबसे लाडला उद्योगपति है।
समझा जा रहा हैकिइस फैसले के पीछे कई कुछ पका हुआ और प्रदेश के बड़े नेताओं के गर्दिश में चल रहे सितारे सुधरने का रास्ता साफ हुआ है। इस मामले पर भाजपा कितना शोर मचाती हैइसका इंतजार है। बताया जा रहा है कि अदानी ने प्रदेश के भाजपाइयों को इस मामले पर खामोश रखने का इंतजाम किया है।
सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि इन दोनों परियोजनाओं के लिए रिलायंस व ब्रेकल कंपनियोंसे ही सरकार का वास्ता था। अदानी से सरकार का कोई वास्ता नहींरहा है। अदानी ने ये साबित किया है कि ब्रेकल ने जो अपफ्रंट मनी जमा कराया है वो अदानी के खाते से गया है।ये करीब पौने तीन सौ करोड़ के करीब था। कायदे से ये पैसा सरकार के खाते में जाना था। अब ब्याज के साथ ये पांच सौ करोड़ के करीब हो गया है।आज सरकार ने इस पैसे को अदानी को देने का विवादास्पद फैसला कर खुद संकट में डाल दिया है।
यही नहीं अगर कोई इस मसले पर कोर्ट में चला गया तो अदानी समेत पूरी केबिनेट व सरकार के अफसर लपेटे में आ जाएंगे।उधर ,कहा जा रहा है किअगर सब कुछ ठीक चला तो वीरभद्र सिंह सरकार का आईएएस अफसर जिसने इस फैसले को सिरे चढ़ाने मेंमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई है को छह महीने या एक साल की एक्सटेंशन मिल सकती है। कहा जा रहा है कि येफैसला मोदी और वीरभद्र सिंह की आपसी गाढ़ी दोस्ती के दम पर परवान चढ़ा है।
केबिनेट नेइसकेअलावा अपने पास उपलब्ध विद्युत को रामपुर जल विद्युत स्टेशन में इक्विटी सहभागिता पर विक्रय करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार के पास उपलब्ध विद्युत के 30 प्रतिशत को राज्य बिजली बोर्ड को पुनः आवंटित करने का निर्णय लिया है ताकि यह लम्बी अवधि के लिए विद्युत योजना पर कार्य कर सके और उपभोक्ताओं को अबाधित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त ट्रांसमिशन लाॅस और अन्य शुल्क के लिए बोर्ड उत्तरदायी होगा।
प्रदेश सरकार ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में अध्यापकों को उपहार देते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अध्यापकों को वेतनवृद्धि सहित दो वर्ष के सेवा विस्तार का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में इस सन्दर्भ में निर्णय लिया गया। हालांकि अब 60 हजार रुपये का नगद पुरस्कार नहीं दिया जाएगा।इसी प्रकार राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता अध्यापकों को अगले वित्त वर्ष से पूर्व में दिए जाने वाले 40 हजार रुपये के स्थान पर अब एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में जिला परिषद कैडर के 49 अनुबन्ध कनिष्ठ अभियन्ताओं को भी नियमित करने का निर्णय लिया है।बैठक में चम्बा जिला की भरमौर तहसील की कुटैहर जल विद्युत परियोजना (240 मैगावाट) के लिए कुटैहर में पीएसओडी के आधार पर 9 पुलिस जवानों की पुलिस चैकी खोलने को मंजूरी प्रदान की।मंत्रिमण्डल ने शिमला जिला के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के मशोबरा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोलने का भी निर्णय लिया।
बैठक में ऊना जिला की घनारी में तहसील खोलने को भी मंजूरी दी गई, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने जनवरी, 2015 को अपने ऊना जिला के प्रवास के दौरान की थी।बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उन सभी मामलों में जिनमंे सभी सड़के, पथ, प्लाॅटों से जुड़ी गलियां, जन उपयोग एवं सुविधा के लिए चिन्हित क्षेत्र, जिनमें पार्क, खुले स्थल, विद्यालय, औषद्यालय, पार्किंग स्थल तथा अन्य मनोरंजक गतिविधि स्थल आदि शामिल हैं, को शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों इत्यादि के नाम पर हस्तांतरित करना आवश्यक होगा, उन मामलों में पंजीकरण शुल्क व स्टैंप डियूटी में छूट देने का निर्णय लिया गया।
बैठक में कांगड़ा जिले के ज्वाली को नगर पंचायत का दर्जा प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के कर्मचारियों को सचिवालय की तर्ज पर वेतन दिए जाने को स्वीकृति प्रदान की।बैठक में ऊना जिले के राजकीय महाविद्यालय दौलतपुर चैक में स्वयं वित्तपोषण योजना के अन्तर्गत कार्यरत अध्यापक और विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के गैर अध्यापक कर्मचारियों की सेवाओं को अपने अधीन लेने का निर्णय लिया गया।
जल विद्युत परियोजनाएं
मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में बूट आधार और न्यूनतम थ्रैशहोल्ड राशि के ओवर और अधिकतम अपफ्रंट प्रीमियम के कोटिंग आधार पर तथा बोली दस्तावेजों के लिए नियम एवं शर्तों में उदारता बरतते हुए 1131.2 मैगावाट की क्षमता की 37 जल विद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक बोलियां आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।बैठक में पांच-पांच मैगावाट क्षमता वाली थालटूखोर-1 और 2 लघु जल विद्युत परियोजना को क्लिफ फिनवैस्ट (पी) लिमिटेड को आवंटित करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र
मंत्रिमण्डल ने ऊना जिले की ग्राम पंचायत नंगल जरियाल और कांगड़ा जिले के गांव गडि़यारा में नए स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल की विभिन्न पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति
मंत्रिमण्डल ने राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के लिए कार्यकाल आधार पर अतिरिक्त महाधिवक्ता के दो पदों को सृजित करने का निर्णय लिया।
बैठक में सीमित सीधी भर्ती योजना (एलडीआर) के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग में लिपिकों के 29 पद हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड के माध्यम से नियमित आधार पर भरने को भी स्वीकृत प्रदान की।मंत्रिमण्डल ने विभिन्न सरकारी विभागों में कनिष्ठ कार्यालय सहायकों (सूचना प्रोद्योगिकी) के 975 पद भरने का निर्णय लिया।
बैठक में आबकारी एवं कराधान विभाग में 2 सूचना प्रौद्योगिकी परामर्शदाताओं के पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने उद्योग विभाग में आशुटंकक के 10 पदों को भरने को भी मंजूरी प्रदान की।बैठक में कुल्लू एवं शिमला में प्रोटोकाॅल अधिकारियों के पद सृजित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सैकेडमेंट आधार पर कनिष्ठ आशुलिपिकों के रिक्त 13 पदों को भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड में आऊटसोर्स आधार पर विभिन्न श्रेणियों के पदों को भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने सैनिक कल्याण विभाग में पात्र पूर्व सैनिकों में से 6 सेवादार के पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने का भी निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृत संशोधन एवं अधिनियममंत्रिमण्डल ने वाहनों के ‘फैंसी’ अथवा ‘वैनिटी’ पंजीकृत नम्बरों से संबंधित हिमाचल प्रदेश मोटर वाहन अधिनियम 1999 के नियम 69-बी के संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। 0001 से 0010 तक के वाहन नम्बरों को केवल सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, अन्य नम्बरों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दिया जाएगा। इनमें 0011 से 0100 नम्बरों को एक लाख रुपये के विशेष पंजीकरण शुल्क, 0101 से 0999 के बीच के चिन्हित फैंसी नम्बरों को 25 हजार रुपये और 1000 से 9999 के मध्य के नम्बरों को 5000 रुपये के पंजीकरण शुल्क के साथ आवंटित किया जाएगा।मंत्रिमंडल ने एरियल रोप-वे अधिनियम 1968 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की।आबकारी विभाग की विभागीय अधिसूचना के पैरा चार के परिच्छेद प्प्प् में आंशिक संशोधन किया गया है।
हिमाचल प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में उत्पादों के प्रवेश पर शुल्क अधिनियम 2010 से संबंधित अनुसूची प्प् के वर्तमान प्रवेश नम्बर 14 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने अपने बचट अभिभाषण में इसकी घोषणा की थी। अधिनियम के प्रवेश नम्बर 9-बी में उल्लेखित उत्पादों के अतिरिक्त दूसरे राज्यों से उपभोग, बिक्री, उपयोग अथवा निर्माण के लिए आयातित होने वाले अन्य सभी उत्पाद, कच्चा माल और पैकिंग
सामग्री सहित सूची में अंकित सामग्री पर वर्तमान 2 प्रतिशत के स्थान पर 1 प्रतिशत की दर से प्रवेश कर लिया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वैट अधिनियम, 2005 तथा केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 के अन्तर्गत टैक्स की ई-पेमेंट को अनिवार्य करने को स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय प्रथम अक्तूबर, 2016 से प्रभावी होगा। सभी डीलर अधिनियम के अन्तर्गत कर की अदायगी इलैक्ट्रानिकली करेंगे।
हिमाचल प्रदेश वैट अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बैंक गारंटी के विरूद्ध पूर्व आंकलन रिफंड के लिए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की ताकि रिफंड के वितरण में किसी प्रकार का विलंब न हो।बैठक में हिमाचल प्रदेश पैसेंजर्स एण्ड गुड्डस टैक्सेशन अधिनियम 1955 के अन्तर्गत रिटर्न की ई-फाइलिंग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश टैक्सेशन (सड़क से ले जाये जाने वाली कुछ सामग्री पर) अधिनियम 1955 के अन्तर्गत रिटर्न की ई-फाइलिंग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।राज्य सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण के नियामन के लिए ‘काॅंप्रिहैंसिव गाइडिंग प्रिंसिपल्ज़ 2013’ में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल के अन्य निर्णयः
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त अन्य एजेंसियों को प्रस्तावित कार्य सौंपने के लिए संबंधित विभाग को लोक निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक उपक्रम, संगठन अपनी सुरक्षा संबंधि आवश्यकताओं के लिए गृह रक्षक जवानों की सेवाएं लेंगे।सभी विधानसभा क्षेत्रों में होंगे विकास खण्ड
बैठक में ज्वालाजी, पालमपुर और दून विधानसभा क्षेत्रों में नए विकास खण्ड सृजित करने का निर्णय लिया गया। इसके उपरान्त प्रदेश में कोई भी विधानसभा क्षेत्र विकास खण्ड विहीन नहीं रहेगा।इसके अतिरिक्त पंचायतों के पुनर्गठन और हस्तांतरण का निर्णय लिया गया। चम्बा जिले की सलूणी खण्ड की पांच पंचायतों में से तीन पंचायतें आयल, बांतर और ची को तीसा विकास खण्ड में तथा झण्डूता विकास खण्ड की 9 पंचायतें फटोह, बकरोआ, औहर, अमरपुर, कोटला, पपलोह, ब्राहमणा, छत्त, कपाहड़ा और करलोटी को विकास खण्ड घुमारवीं में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरोटा बगवां की तीन पंचायतों बाला जदरांगल, पद्दर और तंगरोटी को धर्मशाला विकास खंड, इंदौरा खंड की तीन पंचायतों बरांदा, कंडवाल व रित को नूरपुर विकास खंड जबकि नूरपुर विकास खंड की 13 पंचायतों बतराहं, गोलबा, चतर-जोगिया, चतर, हटपंग, पारना, खेहर, रेहन, मिल्लाह, लाहरूं, कनौर, टालरा, पजाहरा को फतेहपुर विकास खंड में, मंडी विकास खंड की तीन पंचायतों कोठी-गेहरी, दूसरा खाबू और सरधवार को बल्ह विकास खंड में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। बल्ह विकास खंड की चार पंचायतों जनेद, मराथु, नतनेड़ और सैण को मंडी विकास खंड, मंडी जिला के धर्मपुर विकास खंड की चैक, झलेल, रोपड़ी, प्रसादा-हवाणी पंचायतों को गोपालपुर विकास खंड में, करसोग विकास खंड की छह पंचायतों-प्रेसी, बरोह-रोहांडा, गदोही, निहरी, मरहाड़ा बदेहां व जरल को सुंदरनगर विकास खंड, बसंतपुर की तीन पंचायतों-बलदेयां, नालदेहरा व डुम्मी को मशोबरा विकास खंड तथा नादौन की नारा पंचायत को हमीरपुर विकास खंड में शामिल करने का निर्णय लिया गया है।
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