शिमला। साल 2011 से लेकर 2014 तक के चार सालों में हाईकोर्ट के आदेशों पर 2565 वनों के अवैध कबजों के मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।इनमें से सबसे ज्यादा एफआईआर पूर्व की धूमल सरकार के काया्रकाल के दौरान 2011 में हुई। इस साल में 2535 मामले दर्ज किए। जबकि 2012 में 17 और 2013 में 5 और 2014 में आठ मामले दर्ज किए गए।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की ओर से पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में ये खुलासा विधानसभा में हुआ।इन एफआईआर में से 200 रदद हो है जबकि पांच मामलों को कुछ पता नहीं चल पाया है।36 मामलों में आरोपियों की मौत हो गईजिसकी वजह से कार्रवाई स्थगित कर दी गई।जांच के दायरे में चार मामले है जबकि 2320 मामलों में जांच के बाद चालान अदालतों में भेज दिए है।।मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है दस मामलों में सजा हुई और 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया।2060 मामले अभी भी अदालत में लंबित है।
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