शिमला। हिमाचल प्रदेश के उना जिला की 24 पंचायंतों में कईयों में एक हजर लड़कों के पीछे कुल 111 तो एक में 167 लड़कियां ही है।इस भयानक सिथति का खुलासा चिंतपूर्णी के विधायक कुलदीप कुमार ने किया। वो प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री से जानना चाहते थे कि सरकार ने इसके पीछे के कारणों का कोई अध्ययन किया है। कौल सिंह ने कहा कि जिला उना में 24 ऐसी पंचायतें है जिनें में हजार के पीछे पांच सौ या पांच सौ से भी कम लड़कियां है।कुलदीप कुमार ने सदन में ये भी जानकारी दी कि बार्डर एरिया में कई एनजीओ कैंप लगाकर बाहर से नर्सें बुलाकर गर्भपात करीा रही है ।
विधानसभा में ही ये भी खुलासा हुआ कि जब विभाग की टीमें सरकारी व निजी अल्ट्रा साउंड क्लिनिकों पर रेड डालने जाती है तो राजनीकि नेताओं के फोन आ जाते है कि अमूक क्लिनिक उनके आदमी का है इसे रदद न करे। ये खुूलासा खुद स्वासथ्य मंत्री कौल सिंह ने सदन किया। उन्होंने विभिन्न सीएमओ का हवाला देते हुआ कहा कि विभाग की टीमें जब छापे मारने जाती है तो नेताओं के फोन आ जाते है। विधनसभा में ये खुलासा होने पर नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने सवाल किया कि क्या सरकार ऐसे जनप्रतिनिधियों व नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी। इसके अलावा उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि जिन क्षेत्रों में ऐसी भ्रूण हत्या हो रही है क्या वहां पर कार्यरत मेडिकल स्टाफ को भी सजा दी जाएगी।
सदन में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने सभी विधायकों व मंत्रियों कस आहवान किया कि वो इस तरह के फोन न करे। ऐसे नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या नहीं इसका कोई जवाब सदन में नहीं आया।कौल सिंह ने कहा कि इन अनुपात के कम होने का संज्ञान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वहां भी अपना पक्ष रखा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 260 अल्ट्रा साउंड क्लिनिक हैजिनमें से 86 सरकारी व निजी 174 है।उन्होंने कहा कि अब तक 721 छापे मारे गए इन दापों के दौरान 302 मामलों में र्कावाई की गई।उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में 86 में से 35 क्लिनिक बंद है। इन क्लिनिकों में पीजी डॉक्टर नहीं है।
कौल सिंह ने कहा कि सबसे कम लिंगानुपात के मामले में देश के सबसे कम अनुपात वाले दस राज्यों में हिमाचल का नाम भी है और जिन सौ जिलों में लिंगानुपात की सिथति बहुत भयावह है उनमें उना जिला का नाम भी है। उन्होंने कहा उना में जिसने अल्ट्रा साउंड करा कर लिंग की पहचान की थी उसे अदालत से एक साल की सजा और दस हजार का जुर्माना लगाया गया है।
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