शिमला। प्रदेश सतर्कता विभाग की ऊना टीम ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की परवाणु स्थित प्रयोगशाला में तैनात मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी तेज बहादुर सिंह को 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। प्रदेश नियंत्रण बोर्ड मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अधीन है। टी बी सिंह के खिलाफ विजीलेंस ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
आरोपी टीबी सिंह को परवाणु से ऊना के लिए लाया जा रहा है। जहां पर उसे कल अदालत में पेश किया जाएगा। एसपी विजीलेंस कांगड़ा बलबीर सिंह ने कहा कि कल अदालत से आरोपी का रिमांड मांगा जाएगा व मामले की आगामी जांच जारी है।
टीबी सिंह के पकड़े जाने के बाद से पूरे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में हड़कंप मच गया है। बोर्ड के बाकी अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बात का डर हो गया है कि कहीं टीबी सिंह की जुबान खुल गई तो कइयों के राज बाहर आ जाएंगे ।
टीबी सिंह का कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों में दबदबा रहा है।
तेज बहादुर सिंह एक अरसे से विजीलेंस की निगाहबानी में था लेकिन वह विजीलेंस की पकड़ में नहीं आ रहा था। पिछले तीन चार दिन पहले विजीलेंस को जानकारी मिली कि ऊना में अस्पताल के एक मालिक से अस्पताल में सीवरेल प्लांट लगाने को दी जाने वाली मंजूरी की एवज में रिश्वत की मांग कर रहा है।
विजीलेंस ने इस जानकारी पर काम करना शुरू किया और अपना जाल बिछाया। विजीलेंस सूत्रों के मुताबिक इसे पकड़ना टेढा काम था क्यों कि यह बहुत तेज तर्रार और चालाकी से काम करता था। लेकिन विजीलेंस ने संयम से काम लिया और आज इसे रंगे हाथ रिश्वत की रकम समेतपकड़ लिया ।
टीबी सिंह मूल रूप से उतरखंड का रहने वाला है व जब प्रदेश में वीरभद्र सिंह और उतराखंड में हरीश रावत की सरकार थी तो यह तदर्थ आधार पर उतराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में बतौर मुख्य पर्यावरण अधिकारी के पद पर तैनात हो गया । लेकिन बाद में यह वापस हिमाचल आ गया ।
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सरकार में भी इसकी अंदर तक पैंठ थी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में यह कई अन्य चर्चित अधिकारियों में शुमार रहा है। याद रहे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भ्रष्टाचार को लेकर एक अरसे से बेनामी चिटिठयों का बोलबाला रहा है ।
प्रधानमंत्री तक चिटिठयां भेजी गई लेकिन उन चिटिठयों पर कुछ नहीं हुआ लेकिन आज विजीलेंस ने टीबी सिंह को रंगे हाथ पकड़ कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। समझा जा रहा है कि पुलिस रिमांड में यह बहुत कुछ उगलेगा और अगर सरकार का दबाव नहीं रहा तो कई राज खुलेंगे। संभवत: अब टीबी सिंह की ओर से एकत्रित की गई संपतियां भी जांच के दायरे में आएगी। टीबी सिंह इसी साल 30 जून को सेवानिवृत होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही विजीलेंस की पकड़ में आ गए।
(28)