शिमला। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व पोक्सों कोर्ट सोलन ने नालागढ़ के एक युवक को छह साल की बच्ची से बलात्कार के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 18 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश परविंदर सिंह अरोड़ा ने आज फैसला सुनाते हुए आरोपी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पीड़िता को राहत और उसके पुनर्वास के लिए 9 लाख की राशि के मुआवजे के भुगतान की भी सिफारिश की है। मुआवजा राशि की 80 फीसद राशि पीड़िता के नाम एफडीआर के रूप में जमा की जाएगी और 20 फीसद पीड़िता के पक्ष में उसके तत्काल पुनर्वास के लिए तुरंत वितरित की जा सकती है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, वर्ष 2016 में घटना के समय पीड़िता की उम्र 6 वर्ष थी। बच्ची अपने भाई के साथ अपने घर के बाहर खेल रही थी, आरोपी ने बड़ी चतुराई से पीड़िता के भाई को उसकी मां से मोबाइल लाने के लिए भेजा और उसके जाने के बाद पीड़िता का मुंह बंद करके उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के भाई ने अदालत में बयान दिया कि उसने आरोपी के कमरे का दरवाजा खटखटाया तो उसने दरवाजा खोला और उसकी बहन रोती हुई बाहर निकली.
उसके पिता की शिकायत पर नालागढ़ पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया है।अदालत ने पाया है कि नाबालिग लड़की पीड़िता को आरोपी के खुलेआम मानसिक आघात और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ती है। उक्त कृत्य का उसके व्यक्तित्व पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा। इसलिए अदालत ने बच्ची को मुआवजे के आदेश भी दिए हैं।
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