शिमला। शिमला नागरिक सभा ने जयराम सरकार व शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज के शिक्षा विभाग पर संगीन इल्जाम लगाया है। सभा ने ऐलान किया है की शिमला शहर के प्राइवेट स्कूलों में भारी फीस वृद्धि व बच्चों को स्कूल ले जाने वाली टैक्सियों के रेट में बढ़ोतरी के खिलाफ शिमला शहर में जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा। इस आंदोलन की रूपरेखा व रणनीति बनाने के लिए 6 अप्रैल को 12 बजे कालीबाड़ी हॉल में विशाल अधिवेशन आयोजित किया जाएगा।
शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग पर प्राइवेट स्कूलों को खुली छूट देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि शिमला शहर में चल रहे प्राइवेट स्कूल छात्रों व अभिभावकों की खुली लूट कर रहे हैं। इनकी लूट में स्कूल टैक्सी संचालकों ने अपने रेट बढाकर आग में घी डालने का कार्य किया है। अभिभावक बुरी तरह से परेशान हैं। इसके खिलाफ नागरिक सभा ने आंदोलन खड़ा करने का निर्णय लिया है। शिमला नागरिक सभा के कार्यकतार्ओं ने इसके खिलाफ प्रचार अभियान चलाया हुआ है। कार्यकर्ता हर प्राइवेट स्कूल के बाहर पर्चा बांट कर अ•िा•ाावकों से इस आंदोलन में शामिल होने का आहवान कर रहे हैं।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया,विषय वस्तु व फीसों को संचालित करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन बनाया जाए। उन्होंने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून 2006 सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने मांग की है कि स्कूलों में “पहले आओ-पहले पाओ” की तर्ज पर एडमिशन दी जाए। भारी फीसों में तुरन्त कटौती की जाए। स्कूल यूनिफॉर्म,किताबों व अन्य स्टेशनरी के दामों में की जा रही भारी लूट को तुरन्त रोका जाए। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की ट्यूशन फीस प्रदेश सरकार सुनुश्चित करे। उन्होंने मांग की है सभी स्कूल सस्ती दरों पर छात्रों के लिए स्कूल बसें लगाएं। उन्होंने यह भी मांग की है कि स्कूल बच्चों के लिए एचआरटीसी की ज्यादा से ज्यादा बसें लगाई जाएं।
नागरिक सभा सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि स्कूल कार्यक्रमों में छात्रों व अविभावकों से भारी लूट की जा रही है व वस्तुओं की कीमत एमआरपी से भी चार गुणा ली जा रही है। प्रवेश प्रक्रिया में भारी धांधली की जाती है व हजारों अभिभावकों से लाखों रुपये की लूट प्रोसपेक्टस के जरिये ही की जा रही है। उन्होंने मांग की है कि स्कूलों को एडमिशन के हिसाब से ही प्रॉस्पेक्ट्स बेचने की इजाजत दी जाए। उन्होंने मांग की है कि स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया जाए जिसे लोकतांत्रिक तरीके से चुना जाए व अभिभावकों की भूमिका सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 25 प्रतिशत सीटें गरीब छात्रों के लिए आरक्षित की जाएं व उन्हें मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाए।
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