नई दिल्ली । बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजन-फ्यूचर विवाद पर सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में जारी सुनवाई पर रोक लगा दी थी जिसकी वजह से आज बाजार में फ्यूचर ग्रुप से जुड़ी कंपनियों के दामों में 14 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला।
फ्यूचर समूह के रिलायंस के साथ 24,500 करोड़ रुपये के सौदे पर अमेजन की आपत्ति पर मध्यस्थता सुनवाई चल रही थी, इस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को रोक लगा दी थी। अदालत ने फ्यूचर-अमेजन विवाद को लेकर सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में जारी सुनवाई को निरस्त करने के आवेदन पर फैसला लेने के लिए अधिकरण को निर्देश देने की मांग वाली फ्यूचर समूह की याचिकाएं खारिज करने के एकल न्यायाधीश के चार जनवरी के आदेश पर भी रोक लगा दी थी।
बीएसई में फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड के शेयर 13.81 फीसदी, फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के 9.52 फीसदी, फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड के शेयर 9.33 प्रतिशत, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के 8.58 फीसदी और फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर में 8.24 फीसदी का उछाल आया। बुधवार को फ्यूचर समूह की कंपनियों के शेयर में चार फीसदी तक की गिरावट आई थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह मामला फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरए) और फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) के पक्ष में दिखता है और अगर स्थगन आदेश नहीं दिया गया, तो उन्हें नुकसान होगा।’’
इसके साथ ही पीठ ने मध्यस्थता अधिकरण में जारी प्रक्रिया को अगली सुनवाई तक स्थगित करने और एकल पीठ के चार जनवरी के आदेश पर भी रोक लगाने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी।
खंडपीठ ने फ्यूचर समूह की कंपनियों की तरफ से दायर अपील पर अमेजन को नोटिस भी जारी किया। अमेजन ने सिंगापुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में फ्यूचर-रिलायंस सौदे को लेकर अपनी आपत्तियां रखी हैं। इस सुनवाई को निरस्त करने की मांग फ्यूचर समूह ने की थी। अमेजन इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर आई थी।
अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,500 करोड़ रुपये का बिक्री करार कर 2019 में उसके साथ हुए निवेश समझौते का उल्लंघन किया है।
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