शिमला। पूर्व मुख्य मंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य के खाते में 2011 में जमा हुए एक करोड़ एक लाख 80 हजार रुपए का हिसाब किताब मांगा है। अरुण धूमल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने व उनकी पत्नी सांसद प्रतिभा सिंह ने ये सब हिसाब किताब चुनाव आयोग के समक्ष नामांकन के समय पेश किए शपथ पत्र में नहीं दिखाया है।उन्होंने चुनाव आयोग को गलत शपथ पत्र दिए है। इसलिए वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह अपने पदों से इस्तीफा दे।
उन्होंने चुनाव आयोग से भी मांग की कि इन दोनों के चुनावों को रदद किया जाए।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने विक्रमादित्य को शपथ पत्र में अपने उपर डिपेंडेंट दिखाया है। लेकिन उनके खाते में पैसे कोई और ही जमा करा रहा है। ऐसे में वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह को बताना चाहिए की विक्रमादित्य किस पर डिपेंडेंट है।दो करोड़ 50 लाख रुपए का उनका बीमा हुआ है। और जो बीमा कराता है उसके खाते से बीमा के पैसे जाते है। ऐसे में जनता को सब जानने का हक है।
इसके अलावा उन्होंने वीरभद्र सिंह की ओर से भरी गई रिटर्न को लेकर भी नया खुलासा किया।अरुण धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने जो रिटर्न में कृषि से 15 लाख रुपए आय दर्शाई थी व बाद में रिवाइज्ड रिटर्न में वो 2 करोड़ 80 लाख हो गई थी उसे आयकर विभाग ने बाद में क्लीयर कर दिया था। ये रिटर्न 2009-10 की थी। इसके लिए वीरभद्र सिंह ने कहा कि पहले रामपुर वाले बगीचे के सेब की आशिंक आय उनके प्रबंधक ने उन्हें दी थी। इसमें श्रीखंड स्थित सेबके बगीचे की आय शामिल नहीं है। ये हिसाब किताब 2011 -12 में सेटल हुआ। उन्होंने कहा कि वीरभ्रद सिंह ने आयकर विभाग के सामने यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएट प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के बिल लगा रखे है।अरुण धूमल ने कहा कि परवाणू की ये कंपनी 13 मई 2013 को रजिस्टर हुई है। ऐसे में इस कंपनी ने वीरभद्र सिंह के सेब कैसे खरीद और बिल कैसे दिए।उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब फ्राड है। उन्होंने आयकार विभाग पर भी सवाल उठाया और कहा कि वीरभद्र सिंह ने अपने बगीचों के प्रबंधन को लेकरदो एग्रीमेंट किए थे । उनमें से एक 15 जून 2008को किया गया था और दूसरा17 जून को कियागया। आयकर विभाग को देखना चाहिए था कि एक ही बगीचे को लेकर दो –दो एग्रीमेंट कर अलग अलग जानकारी उसे क्यों दी। उन्होंने आयकर विभाग से इस आदेश की समीक्षा करनेकी मांग की।
उन्होंने कहा कि एक महीना पहले उन्होंने वक्कामूला चंद्रशेखर कौन है इसे लेकर वीरभद्रसिंह से जवाब मांगा था।ये जवाब आज तक नहीं आया है।वीरभद्रसिंह ने वक्कामूला से 3 करोड़90 लाख रुपए कर्ज लिया है। ये कर्ज क्यों लिया है इसका जवाब भी आज तक नहीं आया है।
इन सब मामलों को अरुण धूमल अदालत या किसी और फोरम पर ले जाएंगे सवाल का जवाब वो टाल गए ।अरुण धूमल इन मसलों को लेकर केवल मीडिया में ही आ रहे है वो अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा रहे है। उन्होंने कहा कि वो देखेंगे कि कोई और इन मसलों पर अदालत या किसी अन्य फोरम में जाए।
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