शिमला।राज्य सरकार के प्रयास प्रदेश में स्थानीय कच्चे माल व संसाधनों पर आधारित क्षमता के दोहन के लिए निजी क्षेत्र के अनुभव व निवेश क्षमता को शामिल करने का है। ‘निमंत्रण से निवेश’ राज्य सरकार का आदर्श वाक्य है और सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने निर्णय लिया है कि निवेशकों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हंे राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाए।
इसके लिए मुख्यमंत्री एक उच्च स्तरीय दल, जिसमें प्रदेश के उद्योग मंत्री तथा राज्य सरकार के सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे, के साथ देश के चुनिंदा शहरों में संभावित निवेशकों से मिलेंगे और उन्हें हिमाचल में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
प्रथम चरण में प्रदेश सरकार द्वारा भारत उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से 5 नवम्बर से 8 नवम्बर तक ‘इंटरैक्टिव इनवेस्टर मीट’ का आयोजन किया जा रहा है। इस ‘इंटरैक्टिव इनवेस्टर मीट’ का आयोजन 5 और 6 नवम्बर को मुम्बई में, 7 नवम्बर को बैंगलूरू में तथा 8 नवम्बर को अहमदाबाद में किया जा रहा है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पहले ही देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों तथा विदेशी निवेशकों को 1400 से अधिक व्यक्तिगत निमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं।
इस इंटरैक्टिव इनवेस्टर मीट’ को और अधिक कारगर एवं उपयोगी बनाने के लिए यह शिष्टमंडल एक सचल एकल खिड़की स्वीकृति प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा तथा जहां तक संभव हो सके, निवेश प्रस्तावों को स्थल पर ही स्वीकृति दी जाएगी। शिष्टमंडल उद्योग जगत के प्रतिनिधियों तथा शीर्ष कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से विचार विमर्श करेगा और प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में निवेशकों को प्रदान किए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों से अवगत करवाएगा। इस मीट में यह भी सुनिश्चित बनाया जाएगा कि संभावित निवेशकों के लिए हिमाचल में उपलब्ध निर्बाधित विद्युत आपूर्ति, जवाबदेह प्रशासन, औद्योगिक शांति जैसे अनेक प्रोत्साहनों के बारे में भी निवेशकों को अवगत करवाया जाएगा।
इस प्रयास के दूसरे चरण में चेन्नई, हैदराबाद, कोलकता तथा नई दिल्ली में ‘इंटरैक्टिव इनवेस्टर मीट’ का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश सरकार के इस प्रयास के सार्थक परिणाम आने लगे हैं और मीट के संबंध में उद्योग जगत से अनेक जानकारी उपलब्ध करवाने की मांग प्राप्त हो रही है। इस मीट के दौरान मुख्यमंत्री तथा उद्योग मंत्री देश के प्रतिष्ठित उद्योग घरानों तथा विदेशी कम्पनियांे के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से रू-ब-रू होंगे और उन्हंे प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में बड़ी व मध्यम औद्योगिक इकाइयों के लिए पहले ही स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। इन इकाइयों को तुरंत स्वीकृति प्रदान करने के लिए तथा विभिन्न विभागों एवं एजेंसियों से स्वीकृति प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता मंे एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्रदेश के उद्योग विभाग में ‘निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ’ की स्थापना की गई है, ताकि राज्य में नए निवेश को आकर्षित किया जा सके। उद्यमियों की सुविधा के लिए एक संयुक्त अंतरविभागीय आवेदन पत्र उपलब्ध करवाया गया है और नये निवेश के लिए 90 दिनों के भीतर स्वीकृति प्रदान की जा रही है।
राज्य सरकार निवेशकों को स्थानीय कर में छूट, सरल श्रम कानून, औद्योगिक क्षेत्रों एवं एस्टेट के लिए सरलता से भूमि की उपलब्धता, निर्यात एवं उत्पादन, गुणवत्ता तथा शोध एवं विकास केन्द्र के लिए विभिन्न प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। राज्य सरकार उद्योग के लिए देय स्टाम्प शुल्क में भी छूट प्रदान कर रही है तथा उद्योगों के लिए फ्लोर एरिया रेशो में भी छूट दी गई है। प्रदेश में स्थापित होने वाले नये उद्योगों के लिए राज्य में निर्बाधित विद्युत आपूर्ति सबसे महत्वपूर्ण प्रोत्साहन है, जो उन्हें देश में सबसे कम दर पर उपलब्ध करवाई जा रही है, यही नहीं, राज्य सरकार उद्योगों को आगामी पांच वर्षों तक विद्युत दरों में बढ़ोतरी न करने का मन बना चुकी है। प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि हस्तांतरण करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। राज्य सरकार औद्योगिक, पर्यटन तथा जल विद्युत क्षेत्रों के लिए निजी भूमि के हस्तांतरण को कम से कम समय में सुनिश्चित बना रही है।
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