शिमला। ब्रिटिशराज की राजधानी रहे व दुनिया भर में मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से मशहूर शिमला शहर में फैले पीलिया की वजह के लिए मुख्यमंत्री वीरभ्द्र सिंह व उनके बड़े मंत्री कौल सिंह ने अलग-अलग लाइन लेकर सरकार के मतभेद उजागर कर दिए है।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीते दिनों कहा था कि शहर में पीलिया अश्वनी खडड के आसपास बने घरों से निकलने वाली सीवरेज के पानी में मिलने से हुआ है।
इसके बिलकुल विपरीत प्रदेश के बड़े मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आज खुलासा किया कि शहर में पीलिया म्लाणा सीवरेज प्लांट से निकले सीवरेज के अश्वनी खडड के पानी में मिलने से हुआ है। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के इस तरह से अलग अलग स्टैंड लेने से एक बात साफ हो गई है कि या तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह झूठ बोल रहे है या कौल सिंह झूठ बोल रहे है।बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि इनमें से कोई एक झूठ क्यों बोल रहा है।इस मामले में सरकर व लगातार आरोप लग रहा है कि इस पूरे कांड के दोषियों को बचाने का कारनामा दिखाया जा रहा है।
डिप्टी मेयर टिकेंद्र मेयर की ओर से एफआईआर दर्ज कराने की अर्जी देने के करीब एक सप्ताह बाद एफआईआर तब दर्जकी गई जब हाईकोर्ट ने इस मामले की सू मोटो सुनवाई शुरू कर दी। इसके बाद ठेकेदार को पकड़ने के लिए कई दिन लगा दिए। इस लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री व उनके केबिनेट मंत्री की ओर से अलग अलग लाइन लेना कई संदेहों को खड़ा कर रहा है।
कौल सिंह ठाकुर आज राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मंडी में जिन लोगों को पीलिया हुआ जांच में पता चला कि वो शिमला आए थे व यहां पानी पीने से उनका पीलिया हुआ। ठाकुर ने खुलासा किया कि अब तक पीलिया से दस मौतें हो चुकी है।जिनमें से पांच हेपेटाइटस इ की वजह से हुई है।इनमें से तीन आईजीएमसी व दो पीजाआई में हुई।
उन्होनें कहा कि सरकार ने स्वच्छ पानी मुहैया करने के लिए आदेश दिए है। कौल सिंह ने एक और दावा किया कि उन्होंने अश्वनी खडड से पानी की सप्लाई उन्होंने रुकवाई जबकि वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर पहले ये दावा कर चुके है कि अश्वनी खडड से सीवरेज वाले पानी की सप्लाई उन्होंने रुकवाई। छोटे बड़े सारे नेता अजीबो -गरीब दावे करने में जुटे है।बड़ा सवाल ये भी है कि इस मामले में सरकार 2007 से लेकर अब तक हुए कुकर्मों की जांच क्यों नहीं कर रही है अगर कर रही है तो चीजें बाहर क्यों नहीं ला रही है।जांच संदेहों के घेरे में है। पिछली सरकार में रहे अफसरों को पूछा तक नहीं गया है।बताते हैकि सरकार ने और गिरफ्तारियां करने पर रोक लगा दी है।
पीलिया के अलावा भाजपा प्रवक्ता गणेश दत की ओर से प्रदेश के अस्पतालों में की जा रही आक्सीजन की सप्लाई को लेकर उलटा हमला धूमल सरकार बोल दिया। उन्होंने कहा कि धूमल सरकार ने ही तीन सालों तक का ठेका सप्लायर को दिया था।इसके बाद टेंडर मांगे तो वो एल वन आया। ऐसे में उसे कैसे दरकिनार किया जा सकता था।
आईजीएमसी में बिल्ट-आपरेट-एंड रिमूव आधार पर लगने वाले आक्सीजन गैस प्लांट को लेकर भाजपा की ओर से लगाए आरोप पर उन्होंने कहा कि ये ठीक किया गया है। 15 साल बाद ये प्लांट कबाड़ बन जाएगा। हालांकि इस मसले पर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विनीत चौधरी ने भी सफाई देने की कोशिश की।
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