शिमला। भाजपा के प्रदेशध्यक्ष राजीव बिंदल अपनी कार्यकारिणी में पुराने चेहरों को हटा पाने में नाकाम रहे हैं। साफ है कि कार्यकारिणी के गठन में उन्हें खुला हाथ नहीं मिला हैं।अब यह देखना है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और पार्टी में उनके विरोधी व पार्टी अध्यक्ष राजीव बिंदल सड़क पर कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को किस तरह से घेर पाते है। अब दोनों की अग्नि परीक्षा शुरू हो गई हैं।
बिंदल पूर्व की जयराम सरकार में हाशिए पर धकेल दिए गए थे व वह प्रदेश में सरकार के सताच्यूत होने के बाद अपने रसूख के दम पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद हासिल करने में कामयाब हो गए थे। समझा जा रहा था कि वह मजबूत कार्यकारिणी गठित करेंगे और संगठन में पुराने चेहरों ही जगह नए व जनाधार वाले चेहरों को तरजीह देंगे लेकिन वह पुराने चेहरों से पार नहीं पाए और उन्हें अपनी कार्यकारिणी से बाहर करने में कामयाब रहे।
बिंदल ने तीन महासचिव बनाए हैं। इनमें से त्रिलोक कपूर को दोबारा से महासचिव बनाया गया है। कपूर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा का करीबी बताया जाता हैं। बिंदल संगठन में ताजगी लाने के लिए कपूर की जगह किसी और की ताजपोशी कर सकते थे । लेकिन भाजपा में भी कांग्रेस की तरह आलाकमान से नजदीकियां अब मायने रखने लगी हैं। त्रिलोक कपूर के अलावा राज्य सभा सांसद व हमीरपुर से भाजपा नेता प्रदेश विवि के पूर्व कुलपति सिकंदर कुमार को भी बिंदल ने महासचिव बनाया हैं। पहले भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का खूब नारा चलता था लेकिन जब से भाजपा पर मोदी –शाह का कब्जा हुआ तब से यह एक व्यक्ति एक पद का सिंद्धात खत्म हो गया हैं। बिंदल ने तीसरा महासचिव करसोग से भाजपा नेता बिहारी लाल शर्मा को बनाया हैं।
भाजपा में संगठन सचिव के बाद महासचिव के पद महत्वूपर्ण होते हैं।
बिंदल ने अपनी कार्यकारिणी में नौ उपाध्यक्षों की फौज खड़ी की हैं। इनमें से राजीव भारदाज, संजीव कटवाल, पायल वैदय,रश्मिधर सूद और राजीव सैजल पुरानी भाजपा में भी किसी न किसी पद पर थे। इन्हें दोबारा जगह दी गई हैं। इसके अलावा बिंदल ने धूमल खेमे से पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज, दल बदल कर कांग्रेस से भाजपा में गए पवन काजल और पूर्व मंत्री गोबिंद ठाकुर को भी उपाध्यक्ष के पद पर ताजपोशी दी गई हैं।
डेजी ठाकुर को बिंदल ने सचिव बनाया है । वह जयराम ठाकुर सरकार में महिला आयोग की अध्यक्ष रही थी। नाचन से विधयक विनोद कुमार, ज्वाली विशाल चौहान, सुंदरनगर से संजय ठाकुर ,धर्मपुर मंडी से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के लाडले नरेंद्र अत्री , ऊना से सुमित शर्मा और नाहन से मुनीष चौहान को सचिव बनाया गया हैं।
कोषाध्यक्ष के पद पर कमलजीत सूद को तैनाती दी गई हैं।
प्रदेश प्रवक्ता के तौर पर जयराम सरकार में मुखयमंत्री कार्यालय में तैनात रहे महेंद्र धर्माणी को जगह दी गई हैं। धर्माणी जयराम सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय में अपना पांच साल का कार्यकाल बड़ी मुश्किल से पूरा कर पाए थे। वह तत्कालीन मीडिया सलाहकार रोहित सावल, जयराम के तत्कालीन प्रधान निजी सचिव विनय की तरह जयराम के बेहद किसी करीबी के निशाने पर आ गए थे। सावल व विनय की तो विकेट उड़ गई थी लेकिन महेंद्र धर्माणी
अपनी विकेट बचाने में कामयाब रहे थे। उन पर तत्कालीन मंत्री सुरेश भारदवाज के चहेते ने सोशल साइट फेसबुक पर कई इल्जाम चस्पा दिए थे।बहरहाल बिंदल ने उन्हें दोबारा से कार्यकारिणी में जगह दी हैं। इसके अलावा बिंदल ने दस प्रवक्ताओं की बड़ी फौज खड़ी ककी हैं। इनमें नेता प्रतिपक्ष जयराम के सखा बलदेव तोमर, उमेश दत शर्मा,राकेश शर्मा,अजय राणा, बलवीर वर्मा, संदीपनी भारदवाज, विवेक शर्मा,चेतन बरागटा व बड़सर से विनोद ठाकुर को शालि किया गया हैं।
मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा को बनाया गया है वह पुरानी कार्यकारिणी में भी शामिल थे। इसके अलावा प्यार सिंह, संजय शर्मा अमित सूद , पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के पुत्र रजत ठाकुर,विश्व चक्षु,सुदीप महाजन और पत्रकार रमा ठाकुर को सह मीडिया प्रभारी बनाया गया हैं।
युवा मोर्चा की जिम्मेदारी पांगी से किसी तिलक राज को दी गई है जबकि महिला मोर्चा की अध्यक्ष का जिम्मा मुख्यमंत्री सुक्खू के हलके नादौन से वंदना योगी को दिया गया हैं।
अब देखना है कि बिंदल की ये टीम कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर कितने तेवर से हमले कर पाती हैं। यह दीगर है कि पार्टी में बीते रोज से ही जिलाध्यक्षों की ताजपोशी के बाद से ही खलबली मचनी शुरू हो चुकी है।
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