शिमला। जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद चिटों पर भर्ती मामले पर काई कार्रवाई न करने के लिए 1998 से 2003 की सरकार में कुख्यात हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनकी बीजेपी को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के जूनियर मंत्रियों ने बड़ी चुनौती दे डाली हैं। इन जूनियर मंत्रियों में शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा व आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह शामिल हैै।
बीते रोज बीजेपी के प्रवक्ताओं समेत धूमल ने दावा किया था कि भर्तियों में घोटाला हुआ है और भाजपा के पास आडियों हैं जिसमें भर्ती को लेकर वार्तालाप कैद है।अब इसी पर वीरभद्र सिंह के इन दोनों मंत्रियों ने कटवाल का जमाना याद दिलाया व चुनौती दे डाली है कि अगर आडियो हैं तो उसे सार्वजनिक करे। यूं ही अफवाहें क्यों फैला रहे हैं ।
इन मंत्रियों ने धूमल व भाजपा को फंसा दिया है। धूमल व उनके कुनबे की ओर से हर बार इस तरह के आरोप लगाए जाते रहें व जब उनकी सरकार सता में आई तो उन्होंने किसी को नहीं पकड़ा चाहे फिर वो चिटों पर भर्ती का मामला हो या पीटीए भर्ती का।ये सब भर्तियां वीरभद्र के कार्याकाल में हुई थी । लेकिन धूमल जब भी सता में आए इन मामलों में जांच कर उस पर बैठ गए।चूंकि चुनाव नजदीक है ऐसे में दोबारा इस तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिए है।
सुधीर शर्मा और आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने विभिन्न विभागों में भर्तियों में अनियमितताओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल और अन्य भाजपा नेताओं के मीडिया में जारी बयानों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ये आरोप पूर्णतः तथ्यहीन, पक्षपातपूर्ण और दुर्भावना से प्रेरित हैं।
यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के पिछले 45 महीनों के कार्यकाल के दौरान सरकारी क्षेत्र में ही लगभग 60,000 नौकरियां प्रदान की हैं। सरकार रोजगार के लिए जितने भी विज्ञापन जारी कर रही है, उन पदों को भरने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं और भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर रही है। पुलिस, वन व शिक्षा विभागों में भर्तियां मैरिट के आधार और नियमों और प्रक्रिया के अुसार की गई हैं। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग व अधीनस्थ चयन बोर्ड, हमीरपुर के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कर पारदर्शिता के साथ इन पदों को भरा गया है।
भर्ती प्रक्रिया में किसी उम्मीदवार के पक्ष में श्रव्य वार्तालाप के सबूत का दावा होने संबंधी भाजपा नेताओं के बयान को हास्यास्पद् बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसी कोई सूचना है तो अफवाहें फैलाने के बजाय उसे सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उनके दावों में सच्चाई होगी तो निःसंदेह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम में हुई भर्तियों के सवाल पर सुधीर शर्मा और कर्ण सिंह ने कहा कि 12 पर्यटन परिसरों की इकाइयों व होटलों की आवश्यकता के अनुसार 100 यूटीलिटी पद भरने को मंजूरी दी गई है। ये भर्तियां तमाम औपचारिकताएं पूरा करने के उपरांत निर्धारित प्रक्रिया व नियमों के तहत की जा रही है, जो सरकार में एक निरंतर प्रक्रिया है। पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान वन विभाग में वन रक्षकों और वन परिक्षेत्र अधिकारियों के 898 पद भरे गए हैं जबकि वन रक्षकों के 400 और पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने धूमल के प्रेस वक्तव्य को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि वह लोगों का ध्यान बांटने की असफल कोशिश कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी सरकार का पिछला कार्यकाल याद करना चाहिएए जब बड़े पैमाने पर नौकरियां बेची गईं और अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर ऐसी गतिविधियों का अड्डा बनकर रह गया था। उन्होंने धूमल को याद दिलाया कि उनके मुख्यमंत्रीत्वकाल में भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतीं गईं और भ्रष्टाचार चरम पर था।
मंत्रियों ने भाजपा नेताओं को सलाह दी है कि वे वह इतनी निम्न स्तर की बयानबाजी न उतारू न हों तथा इस प्रकार की आधारहीन व नकारात्मक टिप्पणियों से परहेज करें।
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